भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच बने मोर्ने मोर्कल, गंभीर की थे पहली पसंद

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नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज former South African fast bowler() मोर्ने मोर्कल को भारतीय टीम का गेंदबाजी कोच बनाया गया है। मोर्कल का करार एक सितंबर से शुरू होगा। बोर्ड ने पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को टीम इंडिया का मुख्य कोच नियुक्त किया था, लेकिन सहायक स्टाफ की घोषणा नहीं की थी। राहुल द्रविड़ के कार्यकाल के दौरान पारस म्हांब्रे टीम के गेंदबाजी कोच थे।

शाह ने कहा, ‘हां, मोर्ने मोर्कल को सीनियर भारतीय पुरुष टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है।’ दक्षिण अफ्रीका के 39 साल के मोर्कल नए मुख्य कोच गौतम गंभीर की पहली पसंद थे। दोनों ने आईपीएल टीम लखनऊ सुपर जाइंट्स में साथ काम किया है। इससे पहले, गंभीर और मोर्कल कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) टीम में भी तीन सीजन तक एक दूसरे के साथ काम कर चुके हैं। मोर्कल ने दक्षिण अफ्रीका के लिए 86 टेस्ट, 117 वनडे और 44 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले हैं जिसमें उन्होंने कुल 544 अंतरराष्ट्रीय विकेट चटकाए।

मोर्कल का भारतीय टीम के साथ गेंदबाजी कोच के रूप में पहला काम बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली दो मैचों की टेस्ट सीरीज होगा। दोनों टीमों के बीच यह सीरीज 19 सितंबर से शुरू होगी। मोर्कल के नाम की चर्चा महीने भर से चल रही थी, लेकिन अब आधिकारिक रूप से उन्होंने म्हांब्रे की जगह ले ली है। इसके साथ ही बीसीसीआई ने विदेशी कोच नहीं बनाने के अपने चलन में करीब एक दशक बाद बदलाव किया है। पूर्व मुख्य कोच डंकन फ्लेचर के बाद पहली बार कोई विदेशी भारतीय कोचिंग टीम का हिस्सा होगा।

मोर्कल इससे पहले पिछले साल वनडे विश्व कप के दौरान बाबर आजम की अगुआई वाली पाकिस्तान टीम के कोच भी रह चुके हैं। उन्होंने हालांकि, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के साथ अपना करार खत्म होने के महीनों पहले ही राहें अलग कर ली थी। मोर्कल के कोचिंग में पाकिस्तान वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सका था और अंक तालिका में छठे स्थान पर रहा था। इसके अलावा मोर्कल को आईपीएल फ्रेंचाइजी के साथ भी काम करने का अनुभव है।

मोर्कल अगले महीने की शुरुआत में बेंगलुरु की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिपोर्ट करेंगे और उनके कुछ दलीप ट्रॉफी मैच देखने की उम्मीद है। वहां पहुंचने पर वह वीवीएस लक्ष्मण और एनसीए के गेंदबाजी प्रमुख ट्रॉय कूली से संपर्क में भी रहेंगे। सूत्रों के अनुसार मोर्कल को लक्ष्मीपति बालाजी और आर विनय कुमार जैसे विकल्पों पर तरजीह देकर गंभीर की सिफारिश पर सीधे नियुक्त किया गया है।

बीसीसीआई के एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का काम मुख्य कोच के लिए उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेना था। जब सहायक स्टाफ के चयन की बात आई तो गंभीर की पसंद को प्राथमिकता देना जरूरी था। उन्होंने मोर्कल के साथ काम किया है और उन्हें गेंदबाजी कोच के तौर पर काफी पसंद करते हैं। इसके अलावा नवंबर के आखिरी हफ्ते में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़ी सीरीज होने वाली है, ऐसे में इस दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज से बेहतर कोई विकल्प नहीं है जिन्होंने वहां काफी सफलता हासिल की है। इसके अलावा अगले साल इंग्लैंड का पांच टेस्ट मैचों का दौरा भी होगा जहां भारत के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचने पर छठा मैच होगा।

डेल स्टेन के साथ मिलकर घातक तेज गेंदबाजी जोड़ी बनाने वाले मोर्कल ने भारत में भी काफी क्रिकेट खेला है और उन्हें यहां की परिस्थितियों की अच्छी जानकारी है। साथ ही आईपीएल टीमों का हिस्सा होने से उन्हें भारत की अगली तेज गेंदबाजी पीढ़ी के बारे में भी अच्छी जानकारी है जिसमें मयंक यादव, आवेश खान और यश ठाकुर जैसे गेंदबाज शामिल हैं। लोगों का मानना है कि मोर्कल ने आईपीएल में पिछले दो सत्र में मयंक के साथ काफी काम किया है, हालांकि यह तेज गेंदबाज अधिकांश समय चोटिल ही रहा।

मोर्कल के लिए सबसे बड़ी चुनौती बदलाव के दौर से निपटना होगी क्योंकि मोहम्मद शमी अपने शानदार करियर के अंतिम चरण में प्रवेश कर रहे हैं और जसप्रीत बुमराह को मोहम्मद सिराज के अलावा एक और अच्छे साथी की जरूरत है, विशेषकर लाल गेंद के क्रिकेट में। भारतीय टीम के साथ कभी स्पिन गेंदबाजी कोच नहीं रहा है। हालांकि पूर्व निदेशक रवि शास्त्री जब खेलते थे तो बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाजी करते थे। साथ ही एनसीए में लक्ष्मण की टीम का हिस्सा साईराज बहुतुले समय-समय पर सीनियर टीम के साथ यात्रा करते रहे हैं।

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