गाजियाबाद: गाजियाबाद से दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां एक घर में तीन बच्चों के झुलसने की खबर सामने आई है। हादसा उस वक्त का है जब घर में ना तो बच्चों की मां थी और ना ही पिता। हादसे के वक्त बच्चे सो रहे थे। इसी दौरान घर में आग लग गई और बच्चे झुलस गए। घटना मसूरी थानाक्षेत्र के नाहल गांव में शनिवार सुबह की है। पड़ोसियों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला। बच्चों को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका बर्न यूनिट की आईसीयू में इलाज चल रहा है। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। घर में आग लगने का कारण बिजली के शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।
गांव नाहल के मोहल्ला रहमानशाही में जाकिर अपने परिवार के साथ रहते हैं। वह सीवर लाइन की खुदाई कर अपने बच्चों का पालन-पोषण करते हैं। उसकी पत्नी मोहसिना बीमार है, जिसका कुछ दिनों से दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है। जाकिर अपनी पत्नी के इलाज के लिए अस्पताल में ही रुका था। शनिवार सुबह उसकी गैर मौजूदगी में कमरे में तीन बच्चे 15 वर्षीय नाहिद, 12 वर्षीय फैजान और दस वर्षीय जुनैद सो रहे थे। थोड़ी दूरी पर बच्चों के दादा ताहिर और दादी खैरून भी सोए हुए थे।
दादी के पास जाकिर का चौथा बेटा आठ वर्षीय जैद भी सोया हुआ था। उसी दौरान अचानक कमरे में आग लग गई और कमरे के अंदर से चीख पुकार मचने की आवाजें आने लगी। शोर शराबा होने पर लोग जाकिर के घर की तरफ दौड़े और नूरपुर बिजलीघर पर फोन कर बिजली कटवाई। लोगों ने कमरे का दरवाजा तोड़कर तीनों बच्चों को झुलसी हालत में बाहर निकाला और तीनों को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया। बच्चों के चाचा तालिब ने बताया कि बच्चों की स्थिति नाजुक है।