MP को मिले आठ हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव, 35 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

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ग्वालियर : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल नीतियों और वातावरण के साथ प्रशासनिक स्तर पर भी स्वागत व अभिनंदन का भाव रहेगा। प्रदेश में सकारात्मक सोच के साथ औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं। ग्वालियर रीजनल इन्वेस्टर कॉन्क्लेव में प्रदेश को आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे 35 हजार से अधिक रोजगार के नवीन अवसर प्राप्त होंगे। ग्वालियर में अडानी समूह तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को ग्वालियर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर 1586 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश में 47 नई औद्योगिक इकाइयों का सिंगल क्लिक से भूमिपूजन और लोकार्पण किया। मंच पर पांच औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र भी प्रदान किए गए। इसके साथ ग्वालियर-चंबल जिले के 8 जिला स्तरीय इंडस्ट्री फेसिलिटेशन सेंटर का शुभारंभ किया गया। ये केन्द्र ग्वालियर, मुरैना, भिंड, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, गुना और अशोकनगर में आज से ही प्रांरभ हो गए हैं। कॉन्क्लेव में मेक्सिको, जाम्बिया के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कॉन्क्लेव विरासत, इतिहास और उद्योग की थीम पर केन्द्रित है। रीजनल कॉन्क्लेव मात्र कहने के लिये रीजनल हैं, हकीकत में यह कॉन्क्लेव राज्य स्तरीय है। इन औद्योगिक इकाइयों के प्रांरभ होने से स्पंदन पूरे प्रदेश में होना है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में निजी क्षेत्र में बड़ा चिकित्सालय भी खोला जाएगा। कॉन्क्लेव के आयोजन के पीछे यह भाव भी है कि उद्योगपति प्रदेश की विशेषताओं को आकर स्वयं देखें और मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापना का निर्णय लें।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने अन्य अतिथियों के साथ इस वर्ष की तृतीय रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का ग्वालियर में दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। प्रारंभ में उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय परिसर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। साथ ही सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के उद्योग विकास की संभावनाओं पर केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुकूलता से उद्यमशीलता का विकास और तीव्र गति से संभव है। उद्योग और निवेश की दृष्टि से ग्वालियर प्रमुख केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इंदौर की हुकुमचंद मिल के श्रमिकों को मुआवजा राशि दिलवाने का कार्य किया गया है। यह कार्य अनेक वर्ष से लंबित था। रुग्ण औद्योगिक इकाइयों की समस्याएं भी हल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब ऐसे अन्य मामलों के लिए जरूरी निर्णय लिए जाएंगे। जेसी मिल ग्वालियर की समस्या भी हुकुमचंद मिल की तर्ज पर हल की जाएगी।

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हमें सुशासन कर्म और धर्म के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने इस अवसर पर चिकित्सा और हेल्थ सेक्टर में ग्वालियर में एक निजी क्षेत्र का बड़ा अस्पताल प्रारंभ करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में 4 नये औद्योगिक पार्क खोले जाने की घोषणा की। इसमें गुना के चेनपुरा में 333 हेक्टेयर, ग्वालियर जिले के मोहना में 210 हेक्टेयर, मुरैना के मवई में 210 हेक्टेयर और शिवपुरी के गुरावल में 30.64 हेक्टेयर में औद्योगिक पार्क विकसित किये जायेंगे। साथ ही मुरैना जिले के औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर में पुलिस चौकी और औद्योगिक क्षेत्र बामोर में फायर स्टेशन की स्थापना की जाएगी।

कार्यक्रम में केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर में उद्योग की अलख जगाने का कार्य किया है। इस अंचल के प्रत्येक नागरिक के दिल में उन्होंने स्थान बना लिया है। ग्वालियर अंचल में अधोसंरचना और निवेश की शुरुआत वर्षों पहले की गई। वर्तमान में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की क्षमताओं के अनुकूल प्रदेश को राष्ट्रीय पटल पर लाने का कार्य किया है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की पहल करने वाले वे पहले मुख्यमंत्री हैं। श्रीप्रदेश में 6 माह की अवधि में एक लाख 84 हजार करोड़ रूपए का निवेश आना सामान्य बात नहीं है। निश्चित ही ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की तस्वीर नए-नए उद्योगों के आने से बदल जाएगी। सिंधिया ने विभिन्न सेक्टर में उद्योगों के विकास की संभावना पर भी प्रकाश डाला।

विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विगत 10 वर्ष में भारत की साख में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। विकास में समग्रता को अपनाया गया है। भारत विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था है, अब तीसरी अर्थव्यवस्था बने इस संकल्प से कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर की पावन धरा पर इस कॉन्क्लेव का आयोजन महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश में संतुलित और समग्र विकास के लिए प्राण-पण से जुटे हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी क्षेत्रों में कार्य आवश्यक होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गांव, गरीब, नारी, किसान सभी की चिंता कर रहे हैं। इसके साथ ही वे उद्योग और व्यवसाय के विकास के लिए भी चिंतित हैं। मध्यप्रदेश सरकार रोजगार और अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने की चुनौती को स्वीकार कर निरंतर कर रही है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि सम्पूर्ण प्रदेश में औद्योगीकरण के लक्ष्य से कॉन्क्लेव आयोजित की जा रही है। प्रत्येक जिले में युवाओं को उद्यमी बनाया जा रहा है। वर्तमान में पारदर्शी प्रक्रिया लागू की गई है। मध्यप्रदेश उद्योगों को सर्वाधिक अनुदान देने वाला प्रदेश है। प्रदेश में लघु उद्यमियों को प्रोत्साहन राशि उनके खातों में अंतरित की गई है।

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