मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज गुजरात में करेगी 5.95 लाख करोड़ रुपये का निवेश, ग्रीन एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट्स में लगाएगी पैसे
जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अगले 10 से 15 साल के दौरान गुजरात में ग्रीन एनर्जी और दूसरी परियोजनाओं में 5.95 लाख करोड़ रुपये निवेश करेगी. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि कंपनी राज्य में एक लाख मेगावॉट के रिन्यूएबल एनर्जीपावर प्लांट और ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम के विकास के लिए 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इसके अलावा कंपनी सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल, हाइड्रोजन उत्पादन के लिए इलेक्ट्रोलाइजर, ऊर्जा भंडारण बैटरी और फ्यूल सेल के विनिर्माण के लिए कारखानों की स्थापना को लेकर 60,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इसके साथ ही अगले तीन से पांच साल में मौजूदा परियोजनाओं और नए उपक्रमों में 25,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.
इसके अलावा रिलायंस ने जियो के अपने दूरसंचार नेटवर्क को 5G में बदलने के लिए तीन से पांच साल में 7,500 करोड़ रुपये और रिलायंस रिटेल में अगले पांच साल के दौरान 3,000 करोड़ रुपये निवेश करने का भी प्रस्ताव दिया है.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन 2022 के लिए प्रचार-प्रसार कार्यक्रम के दौरान गुरुवार को आरआईएल ने गुजरात सरकार के साथ कुल 5.95 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. इन परियोजनाओं से राज्य में करीब दस लाख रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है.
कंपनी ने गुजरात सरकार के परामर्श से कच्छ, बनासकांठा और धोलेरा में 1,00,000 मेगावॉट क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए जमीन तलाशने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कंपनी ने कच्छ में 4.5 लाख एकड़ जमीन की मांग की है.
आपको बता दें कि अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने शनिवार को कहा कि वह विदेशी मुद्रा आधारित बॉन्डों के जरिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर तक जुटाएगी और मौजूदा उधारी चुकाने के लिए उसका इस्तेमाल करेगी. कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि उसके बोर्ड की वित्त समिति ने शनिवार को अपनी बैठक में नियमित अंतराल में एक या अधिक किश्तों में सीनियर अनसिक्योर्ड अमेरिकी डॉलर वाले निश्चित दर के पत्र जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसकी कुल राशि पांच अरब डॉलर होगी.
वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने पिछले हफ्ते ऐलान किया था कि उसने तीन किस्तों में अमेरिकी डॉलर बॉन्ड जारी करके 4 अरब डॉलर की राशि जुटाई है. यह भारत से अब तक का सबसे बड़ा फॉरेन करेंसी में बॉन्ड जारी रहा है. कंपनी के मुताबिक, नोट्स को तीन गुना ओवर-सब्सक्राइब किया गया, जिसमें सबसे ऊपरी स्तर कुल करीब 11.5 अरब डॉलर पर रहा है. समूह ने 10 साल की किस्त में 1.5 अरब डॉलर जुटाए हैं. जबकि, 30 साल की डील में 1.75 अरब डॉलर और 40 साल की डील में 750 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई है.