मुशीर खान का बड़ा कारनामा, 29 साल पुराना सचिन तेंदुलकर रिकॉर्ड टूटा

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नई दिल्लीं : मुंबई के धाकड़ बल्लेबाजों में एक सरफराज खान ने रणजी ट्रॉफी में रनों का अंबार लगाने के बाद भारतीय टेस्ट टीम में अपनी जगह बना ली है। हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में सरफराज खान ने डेब्यू किया और शानदार प्रदर्शन करने में भी कामयाब रहे। इस बीच सरफराज के छोटे भाई मुशीर खान ने भी बड़ा कारनामा कर दिया है। मुंबई और विदर्भ के बीच खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुशीर खान ने शानदार शतक जड़ा है। इसके साथ ही उन्होंने अब से करीब 29 साल पहले बनाया गया सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को भी ध्वस्त करने का काम किया है।

मुशीर खान रणजी ट्रॉफी में मुंबई की ओर से खेल रहे हैं। मैच के दूसरे दिन मैच की दूसरी पारी में उन्होंने अपना अर्धशतक पूरा किया और तीसरे दिन जब वे ​बल्लेबाजी के लिए उतरे तो उनकी नजर शतक पर ही थी। पहले अपने कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ उन्होंने अपनी पारी आगे बढ़ाई और जब रहाणे आउट हो गए तो श्रेयस अय्यर के साथ बेहतरीन तालमेल मिलाया। उन्होंने अपना शतक भी पूरा कर लिया। अब वे रणजी ट्रॉफी के फाइनल में मुंबई की ओर से सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले ​बल्लेबाज बन गए हैं।

मुशीर खान ने 255 बॉल का सामना कर अपना शतक पूरा किया। मुशीर खान की उम्र आज यानी 12 मार्च को 22 साल ओर 14 दिन की है। हाल ही में उन्होंने अपना जन्मदिन बनाया था। बात अगर सचिन तेंदुलकर की करें तो उन्होंने 1994.95 में मुंबई की ओर से खेलते हुए रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पंजाब के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी। तब सचिन तेंदुलकर 21 साल के थे। इतने साल तक सचिन का रिकॉर्ड कायम रहा, अब जाकर इसे तोड़ने का काम मुशीर खान ने किया है। खास बात ये भी है कि जब सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड टूट रहा था, उस वक्त वे खुद भी वानखेड़े स्टेडियम में बैठकर मैच देख रहे थे।

ऐसा नहीं है कि मुशीर खान का बल्ला इस साल के रणजी ट्रॉफी में पहली बार बोला है। उनके बल्ले से लगातार रन बना रहे हैं। उन्होंने इसी सीजन क्वार्टर फाइनल में 357 बॉल पर 203 रनों की नाबाद पारी खेलने में कामयाबी हासिल की थी। वहीं जब टीम सेमीफाइनल में पहुंची तो वहां भी उन्होंने 131 बॉल पर 55 रन की बेशकीमती पारी खेली थी। इस बीच फाइनल में शतक पूरा करने के बाद भी वे नाबाद हैं और मुंबई को जीत की ओर ले जा रहे हैं।

मुंबई की विदर्भ के खिलाफ अब लीड बहुत बड़ी हो गई है। इसके साथ ही करीब करीब ये भी पक्का सा लगने लगा है कि टीम एक बार फिर से खिताब अपने नाम करेगी। मुंबई की टीम रिकॉर्ड 48वीं बार रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेल रही है। अब तक इस टीम ने 41 बार ये खिताब भी अपने नाम किया है। अब लगने लगा है कि विदर्भ की टीम काफी पीछे है और मुंबई एक बार फिर से ट्रॉफी अपने नाम करने के काफी करीब नजर आ रही है।

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