एक हफ्ते में छह फीसदी तक टूटे भारत में बैंकिंग क्षेत्र के म्यूचुअल फंड, यहां भी दिखा असर

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नई दिल्ली : अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के दिवालिया होने के बाद पिछले सप्ताह बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र के म्यूचुअल फंड छह फीसदी तक टूट गए। इससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

दरअसल, अमेरिका में बैंकिंग संकट से वैश्विक वित्तीय प्रणाली को झटका लगा है। इसके अलावा, भारत में भी बैंकिंग क्षेत्र को लेकर निवेशकों की भावनाएं कमजोर हुई हैं। इससे पिछले सप्ताह के दौरान बैंकिंग शेयरों में 3-13 फीसदी की गिरावट आई। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र पर इसका सीधा असर मामूली है।

बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में लगातार बिकवाली से इस क्षेत्र के म्यूचुअल फंडों में भी गिरावट देखने को मिली है। एसीई एमएफ एनएक्सटी के आंकड़ों के मुताबिक, बैंकिंग क्षेत्र के 16 म्यूचुअल फंडों में सभी ने 17 मार्च को समाप्त सप्ताह में निवेशकों को 1.6 फीसदी से 6 फीसदी के बीच नकारात्मक रिटर्न दिया है। इस साल अब तक इन सभी फंडों ने निवेशकों को 8 से 10 फीसदी तक का नकारात्मक रिटर्न दिया है।

आदित्य बिरला सन लाइफ बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड, टाटा बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड, एचडीएफसी बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड, एलआईसी एमएफ बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड और निप्पॉन इंडिया बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज फंड।

एफवाईईआरएस के शोध प्रमुख गोपाल कवलीरेड्डी ने कहा, बाजार में उतार-चढ़ाव व ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका से फंडों में गिरावट आई है। एफपीआई कई बैंकों और वित्तीय क्षेत्र की संस्थाओं में अपनी निवेश होल्डिंग को कम करने के लिए अक्तूबर, 2021 से बिकवाली कर रहे हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, हालिया गिरावट को छोड़ दें तो 9 महीने और एक साल की अवधि में बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र के फंडों ने सकारात्मक रिटर्न दिया है। इस दौरान बैंकिंग फंडों ने 20 फीसदी तक और वित्तीय सेवा क्षेत्र के फंडों ने 12 फीसदी तक मुनाफा दिया है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मार्च, 2023 में अब तक भारतीय इक्विटी बाजार में 11,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसमें अदाणी समूह की चार कंपनियों में अमेरिकी फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स के 15,446 करोड़ रुपये के निवेश का प्रमुख योगदान रहा है। हालांकि, अमेरिकी बैंकिंग संकट के बाद आने वाले दिनों में एफपीआई सतर्कता का रुख अख्तियार कर सकते हैं।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 17 मार्च तक भारतीय इक्विटी बाजार में 11,495 करोड़ रुपये का निवेश किया। इससे पहले फरवरी में 5,294 करोड़ रुपये और जनवरी में 28,852 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। दिसंबर, 2022 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुद्ध रूप से 11,119 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, इसमें से अगर अदाणी समूह की कंपनियों में हुए निवेश को हटा दें तो एफपीआई के इक्विटी बाजार में जोरदार बिकवाली का संकेत मिलता है। एफपीआई ने 2023 में अब तक इक्विटी बाजार में शुद्ध रूप से 22,651 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।

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