भंडारा: बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों और पश्चिम बंगाल की ट्रेनी डॉक्टर का यौन शोषण एवं दुष्कर्म कर हत्या किए जाने के प्रकरण में सरकार की अनदेखी के विरोध में महा विकास आघाड़ी कार्यकर्ताओं ने भंडारा के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास काली पट्टी से हाथ और मुंह बांधकर मौन विरोध प्रदर्शन किया। राज्य में महिलाओं और लड़कियों पर बढ़ते उत्पीड़न की घटनाओं के खिलाफ महा विकास आघाड़ी के नेताओं ने शनिवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया था। लेकिन उच्च न्यायालय ने बंद को असंवैधानिक घोषित किया।
नतीजतन नियोजित बंद रद्द कर दिया गया। मुंह पर काली पट्टी बांधकर राष्ट्रपिता गांधी प्रतिमा पर मौन प्रदर्शन किया। इस अवसर पर सांसद डॉ. प्रशांत पडोले, पूर्व जिला अध्यक्ष प्रेमसागर गणवीर, शहर अध्यक्ष प्रशांत देशकर, महिला जिला अध्यक्ष जयश्री बोरकर, जि.प. सभापति स्वाति वाघाये, तहसील अध्यक्ष प्यारेलाल वाघमारे, जि.प. सदस्य पूजा हजारे, शिवसेना जिला प्रमुख संजय रेहपाड़े, रवि वाढई, रश्मी पातुरकर, जिला उपप्रमुख दीपक गजभिए, पृथ्वीराज तांडेकर सहित महाविकास आघाड़ी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
तुमसर में काली फीती लगाकर किया मौन आंदोलन
तुमसर तहसील में भी महा विकास आघाड़ी के पदाधिकारियों ने शनिवार को बावनकर चौक में काली फीता लगाकर मौन आंदोलन किया। आघाड़ी के पदाधिकारियों ने उसका सम्मान कर विरोध स्वरूप चेहरे और हाथों पर काले रिबन लगाकर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध दर्शाया। इसमें आघाड़ी के पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ता एवं छोटे छात्र एवं शहर एवं ग्रामीण परिसर के नागरिकों ने सहयोग किया।
मूक आंदोलन के दौरान पूर्व सांसद शिशुपाल पटले, मधुकर कुकडे, पूर्व विधायक अनिल बावनकर,पूर्व नगराध्यक्ष अमरनाथ रगडे, प्रदेश प्रतिनिधि प्रमोद तितिरमारे, जिप सभापति रमेश पारधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार गुट के जिलाध्यक्ष किरण अतकरी, तहसील अध्यक्ष प्रमोद कटरे, राजेश ठाकूर, शहर अध्यक्ष कान्हा बावनकर, शैलेश पडोले, शिवसेना विभाग प्रमुख अमित मेश्राम, ओबीसी आघाडी के शंकर राऊत, जय डोंगरे,जिप सदस्य कृष्णकांत बघेल, महिला आघाडी तहसील अध्यक्ष कुसुम कांबले, सीमा भुरे, दिलीप लांजेवार आदि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।