नोएडा: यमुना प्राधिकरण ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल तक नमो भारत ट्रेन का भूमिगत ट्रैक बिछाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। नमो भारत को एयरपोर्ट परिसर में ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) तक जोड़ने के लिए 600 करोड़ रुपये खर्च होने पर सहमति बनी है। नमो भारत ट्रेन एयरपोर्ट के प्रवेश द्वार से होकर सीधे टर्मिनल तक जाएगी।
एयरपोर्ट पर सितंबर अंत तक विमानों की उड़ान प्रस्तावित है। ऐसे में यात्रियों को सुगम यातायात की सुविधा देने पर जोर दिया जा रहा है। गाजियाबाद आरआरटीएस से एयरपोर्ट तक नमो भारत का 72.2 किलोमीटर लंबा ट्रैक बिछाने का खाका तैयार कर लिया गया है। ट्रैक का निर्माण दो चरणों में होगा, पहला चरण गाजियाबाद आरआरटीएस से इकोटेक-6 कासना तक बनेगा। इसमें 18 मेट्रो स्टेशन बनेंगे। इसके बाद दूसरा चरण इकोटेक-6 से एयरपोर्ट तक रहेगा।
दूसरे चरण में चार स्टेशन बनाए जाएंगे, जो सभी नमो भारत के होंगे। यह ट्रैक एयरपोर्ट के प्रवेश द्वार पर खत्म हो रहा था, लेकिन अब इसे एयरपोर्ट टर्मिनल से जोड़ने की तैयारी हो रही है। प्रवेश द्वार से 120 मीटर का एलिवेटेड ट्रैक बनने की योजना है, इससे आगे 90 मीटर का भूमिगत ट्रैक बनाया जाएगा। इससे यात्री सीधे टर्मिनल तक पहुंच सकेंगे। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसको लेकर प्रस्ताव शासन स्तर पर भेजा गया है। परियोजना पर खर्च होने वाले 600 करोड़ रुपये यमुना प्राधिकरण वहन करेगा।
दिसंबर तक काम शुरू होगा
नमो भारत और मेट्रो रेल का रूट फाइनल कर दिया गया है। दिसंबर 2024 तक इसका निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। गाजियाबाद से एयरपोर्ट तक बनने वाले 72.2 किलोमीटर लंबे ट्रैक का निर्माण दो चरणों में होगा। एक ही ट्रैक पर नमो भारत और मेट्रो दोनों दौड़ेगी। इनमें एक चरण को केंद्र सरकार तो दूसरे चरण को राज्य सरकार के बनाने पर लगभग सहमति बन गई है। पहला चरण गाजियाबाद से कासना तक 37 किलोमीटर लंबा होगा, जबकि दूसरा चरण कासना से एयरपोर्ट तक 35 किलोमीटर का बनाया जाएगा।
2029 तक बनाने का लक्ष्य
गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक 72.2 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रूट के निर्माण का लक्ष्य वर्ष 2029 रखा गया है। इसके निर्माण पर लगभग 17,343 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 20, राज्य सरकार की 50 और नायल की 30 फीसदी होगी। इस रूट पर वर्ष-2031 में 3.09 लाख और 2054-55 में यात्रियों की संख्या 7. 04 लाख होगी। पहले चरण में 22 स्टेशनों का निर्माण होगा, जिन पर 13,055 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।