नई दिल्ली: आज नरेंद्र मोदी पुराने संसद भवन में पहुंचे और सबसे पहले वहां रखी संविधान की प्रति को माथे पर लगाया. जबकि इससे पहले राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में पूरे देश में घूम-घूमकर संविधान की कॉपी दिखाकर कहते रहे कि बीजेपी सत्ता में आई तो उसे बदल देगी. जबकि पीएम नरेंद्र मोदी के इस काम से साबित हो गया कि उनके लिए संविधान का महत्व सबसे ऊपर है. पहले भी कई मौकों पर पीएम नरेंद्र मोदी संविधान के बारे में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान की सराहना कर चुके हैं. संसद भवन में आज एनडीए की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद के लिए चुना गया.
एनडीए की बैठक में वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने लोकसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और भाजपा के नेता के रूप में नरेन्द्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा. राजनाथ सिंह ने भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के विस्तार का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा कि भाजपा के लिए गठबंधन बाध्यता नहीं बल्कि प्रतिबद्धता है. एनडीए की बैठक में वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने राजग संसदीय दल के नेता के रूप में नरेन्द्र मोदी के नाम के प्रस्ताव का अनुमोदन किया. भाजपा नेता नितिन गडकरी और राजग के अन्य नेताओं ने मोदी को लोकसभा में भाजपा का नेता, भाजपा संसदीय दल और राजग संसदीय दल का नेता बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया.
एनडीए के नेता आज ही राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने सरकार बनाने का दावा भी पेश करेंगे. सूत्रों की मानें, तो बुधवार को पीएम आवास पर एनडीए नेताओं की बैठक में सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को एनडीए के नेता चुनने के बाद कई अन्य सांसद भी भाजपा के संपर्क में आए हैं. बताया जा रहा है कि कई निर्दलीय सांसदों के अलावा कुछ छोटी पार्टियों से भी बातचीत अंतिम दौर में पहुंच गई है. इस बात की पूरी संभावना है कि लोकसभा चुनाव में 293 सीटों पर जीत हासिल करने वाले एनडीए के नेता, तीन सौ से ज्यादा सांसदों के समर्थन के साथ राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं.
सूत्रों ने बताया कि 9 जून की शाम को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है, हालांकि इसे लेकर अभी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने वाले कई लाभार्थी, ‘विकसित भारत’ के ब्रांड एंबेसडर, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में काम कर रहे श्रमिक, वंदे भारत ट्रेन और इस तरह की अन्य कई परियोजनाओं से जुड़े श्रमिक, ट्रांसजेंडर्स, सफाई कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं. नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, मालदीव और श्रीलंका सहित कई अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और बड़े नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सकते हैं.