नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) मंगलवार को एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Enforcement) के दफ्तर में पेश होंगी। हालांकि उनकी यह पेशी सोमवार को हाेना थी परंतु इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी के अधिकारी नेशनल हेराल्ड के मामले (National Herald Case) पूछताछ करेंगे। सोनिया गांधी इससे पहले पिछले गुरूवार को भी ईडी के सामने पेश हुई थी और ईडी के अधिकारियों ने करीब ढाई घंटे तक पूछताछ की थी। बताया जाता है कि उनसे 28 सवाल पूछे गए थे।
कांग्रेस ने सोनिया गांधी की पेशी का विरोध किया है। मंगलवार उनकी पेशी पर कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता जमकर हंगामा (Congress protest) कर सकते हैं। ईडी के सामने सोनिया गांधी की दूसरी पेशी से पहले कांग्रेस (Congress) ने बैठक बुलाई थी। इसमें पार्टी ने कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण सत्याग्रह करने को कहा है। इस बीच लोग यह भी जानना चाहते हैं कि सोनिया गांधी से दूसरे दौर में ईडी किन सवालों के जवाब चाहता है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पूछताछ यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के इर्द-गिर्द रहेगी। यह वही कंपनी है जिसके पास नेशनल हेराल्ड न्यूजपेपर का मालिकाना हक है। इसी कंपनी में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से ईडी पूछताछ कर रहा है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन में मेजॉरिटी शेयरधारक हैं। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि इस कंपनी का पूरा कंट्रोल मां और बेटे के हाथ में है। राहुल की तरह सोनिया गांधी की भी कंपनी में 38 फीसदी हिस्सेदारी है। दोनों की हिस्सेदारी मिलाकर 76 फीसदी है।
कांग्रेस कहती आई है कि यंग इंडियन ने किसी भी तरह से कोई गड़बड़ी नहीं की है। वह एक ‘नॉट-फॉर-प्रॉफिट‘ कंपनी है। इसे कंपनीज ऐक्ट के सेक्शन 25 के तहत बनाया गया था। ऐसे में मनी लॉन्ड्रिंग का कोई सवाल ही नहीं उठता है। इस तरह की खबरें थीं कि राहुल गांधी पूछताछ के दौरान इस सवाल के जवाब में फंस गए थे कि उन्होंने और उनके परिवार ने किसी संपत्ति का अधिग्रहण नहीं किया।
सोनिया गांधी के सामने यह बड़ा सवाल
जांच एजेंसी जानना चाहती है कि यंग इंडियन जैसी नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी भूमि और बिल्डिंग के एसेट्स को किराये पर देने की कमर्शियल एक्टिविटीज कैसे कर रही है। इस कंपनी ने ही एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी एजेएल का अधिग्रहण किया था। एजेएल के करीब 800 करोड़ रुपये के एसेट्स हैं। एजेएल का जिस तरह से अधिग्रहण हुआ है, उसे लेकर सवाल हैं।
इसके अलावा भी कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब सोनिया गांधी को देना पड़ सकता है। मसलन, उनसे पूछा जा सकता है कि उन्होंने यंग इंडिया प्राइवेट में 38 फीसदी शेयर क्यों लिए। एजेएल की रिपोर्ट में लोन का जिक्र क्यों नहीं किया गया। यंग इंडियन ने एजेएल को अनसिक्योर्ड लोन क्यों दिया था। अगर यंग इंडियन एक धर्मार्थ संगठन है तो उसका डोनेशन में योगदान क्यों नहीं है, उसका असली काम क्या है। जब एजेएल का अधिग्रहण हुआ तो क्या उससे पहले शेयरधारकों की बैठक हुई। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास मौजूद दस्तावेजों के अनुसार, 29 दिसंबर 2010 तक एजेएल के शेयरधारकों की संख्या 1057 थी।
सोनिया से पूछताछ पर बीजेपी का बयान
बीजेपी नेता संबित पात्रा ने सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ को लेकर कांग्रेस के बवाल पर निशाना साधा है। पात्रा ने कहा कि क्या सोनिया गांधी से पूछताछ नहीं होनी चाहिए? सत्याग्रह के नाम पर हर जगह ट्रैफिक रोकने का प्रयास किया जा रहा है। विरोध की जरूरत नहीं है बल्कि कन्फेशन की जरूरत है। ये 5 हजार करोड़ का गबन है। अभी स्वीकार करने की जरूत है कि किस प्रकार से पूरा का पूरा षडयंत्र रचा गया था। यंग इंडियन कंपनी के माध्यम से कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया और राहुल गांधी ने गबन किया।