नई दिल्ली : केन्द्र सरकार देश में उपभोक्ताओं और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक बफर स्टॉक तैयार कर रही है। बफर स्टॉक महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश और तेलंगाना में तैयार हो रहा है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाला भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) बफर स्टॉक तैयार कर रहा है। एनसीसीएफ इस साल सवा लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद कर बफर स्टॉक तैयार करेगी।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बातचीत में बताया कि एनसीसीएफ के अलावा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाला नेफेड भी अलग से सवा लाख मीट्रिक टन का बफर स्टॉक बना रहा है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में महाराष्ट्र में किसानों को लागत के मुताबिक प्याज की कम कीमत मिलने की खबरें चर्चा में थी। इन रिपोर्टों को लेकर उपभोक्ता मामले मंत्रालय गंभीर है।
किसानों को लागत से कम कीमत पर अपना उत्पाद न बेचना पड़े, इसके लिए मंत्रालय ने नासिक से प्याज की खरीद कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (दिल्ली-एनसीआर), रांची और दूसरे शहरों में बिक्री के लिए पहुंचा रहा है।
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनसीसीएफ नासिक में किसानों से 8.75 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद कर दिल्ली और दूसरे शहरों की मंडियों में 9 से 11 रुपये प्रति किलो बेच रहा है। एनसीसीएफ ने अब तक नासिक से सवा सौ मीट्रिक टन प्याज की खरीद कर दिल्ली की मंडियों में बेचा है। एनसीसीएफ नो प्रॉफिट, नो लॉस के सिद्धांत पर यह काम कर रही है, ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके।
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में तैयार बफर स्टॉक से ही ऑफ सीजन के दौरान देश के अन्य हिस्सों में प्याज की आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि बफर स्टॉक तैयार करते समय सरकार प्याज उत्पादक किसान और उपभोक्ता दोनों का ध्यान रख रही है।
अधिकारी ने बताया कि सरकार के इस कदम से किसानों को अपना उत्पाद बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार की इसी कोशिश से इस बार ऑफ सीजन यानी सितंबर-अक्टूबर में प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहीं। अक्सर इन महीनों में ही प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
पिछले साल ढाई लाख मीट्रिक टन प्याज का बफर स्टॉक किया गया था। यह स्टॉक नेफेड ने तैयार किया था लेकिन इस साल एनसीसीएफ भी प्याज का बफर स्टॉक बना रहा है। नेफेड और एनसीसीएफ दोनों सवा-सवा लाख मीट्रिक टन का बफर स्टॉक रखेंगे।