नई दिल्ली अपराध के नजरिए से देश की राजधानी दिल्ली की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। यहां लगभग रोज ही छोटे-छोटे अपराध से लेकर बड़ी-बड़ी क्राइम सामने आ जाती हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों में भी इसकी पुष्टि हो रही है। एनसीआरब के आंकड़ों के अनुसार, भारत के सभी महानगरों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए दिल्ली सबसे असुरक्षित है, क्योंकि इन शहरों में 60 वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों के खिलाफ किए गए कुल अपराधों में दिल्ली का योगदान 27 प्रतिशत से अधिक है। एनसीआरबी के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2021 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध में 28.69 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और पुलिस द्वारा 1,166 मामले दर्ज किए गए।
बाकी महानगरों का हाल भी जानें
राष्ट्रीय राजधानी में वर्ष 2020 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ 906 अपराध दर्ज किए गए। ऐसे लोगों से जुड़े मामलों में आरोप पत्र दायर करने की दर भी दिल्ली में काफी कम 31.5 प्रतिशत है। दिल्ली के बाद मुंबई में वरिष्ठ नागरिकों (987) के खिलाफ अपराध की बड़ी संख्या दर्ज की गई। वर्ष 2021 में 19 महानगरों में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ विभिन्न अपराधों के 4,264 मामले दर्ज किए गए। वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों में चोरी सबसे आम है और वर्ष 2021 में दिल्ली में इसके 659 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद दूसरे स्थान पर धोखाधड़ी के 153 मामले दर्ज किए गए।
पुलिसिया सिस्टम पर भी सवाल
एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में, दिल्ली पुलिस ने वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों के 2,318 मामलों की जांच की, जिनमें से 1,152 जांच के मामले पिछले वर्ष के लंबित मामले थे। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों की बड़ी संख्या में शिकायत किया जाना और वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों के प्रति शून्य संवेदनशीलता दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ उच्च अपराध दर का कारण हो सकती है। एजवेल फाउंडेशन के संस्थापक हिमांशु रथ ने कहा, ‘दिल्ली में वृद्ध लोगों का घनत्व अधिक है। हमारी आबादी का लगभग 15 प्रतिशत वृद्ध लोग हैं। इसके अलावा राजधानी में पुलिस वृद्ध लोगों के प्रति काफी सक्रिय और संवेदनशील है, इसलिए अपराधों की अधिक शिकायत दर्ज होती है।’