नई दिल्ली : नई सरकार के गठन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक हुई। बैठक में 16 पार्टियों के 21 नेता शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, NDA के सांसदों की 7 जून को बैठक होगी। बुधवार को NDA की पहली बैठक पीएम आवास में शाम 4 बजे हुई। एक घंटे चली बैठक में मोदी को NDA का नेता चुना गया। एनडीए की बैठक से पहले, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए अपना समर्थन दिया। दोनों ही दलों के नेता दिल्ली में एनडीए की बैठक में शामिल हुए। शिवसेना को महाराष्ट्र में सात और एनसीपी को एक सीट पर जीत मिली है।
तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी) भाजपा के बाद दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है। इसके वरिष्ठ नेता कनकमेडला रविंद्र कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि आंध्र प्रदेश में भाजपा और जनसेना के साथ हमारा चुनाव पूर्व समझौता महज राजनीतिक अंकगणित की सौदेबाजी नहीं है, बल्कि यह विश्वसनीयता का बंधन है। उधर, टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू एनडीए की बैठक में शामिल रहे। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि हम जनादेश का सम्मान करते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी इंडी गठबंधन के संस्थापकों में शामिल रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि वह विपक्षी गठबंधन में फिर से शामिल हो सकते हैं। त्यागी ने अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा क जनता का फैसला सर्वोपरि है। जदयू ने एनडीए में रहकर भाजपा के साथ चुनाव लड़ा है और केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार एनडीए की सरकार बनेगी।
लोक जनशक्ति पार्टी-राम विलास के प्रमुख चिराग पासवान ने भी कहा था कि वे किसी भी सूरत में एनडीए का साथ नहीं छोड़ेंगे और बुधवार को दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा ‘मैं देश के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे नरेंद्र मोदी को बधाई देना चाहता हूं। उनके नेतृत्व में एनडीए तीसरी बार केंद्र में सरकार बनने जा रही है। एनडीए का तीसरा कार्यकाल देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, जिसका वादा उन्होंने देश से किया है। यह सरकार विकास से जुड़े सभी वादों को पूरा करेगी। हमारी पार्टी और हमारे सांसद एनडीए सरकार का समर्थन करेंगे।’ राष्ट्रपति भवन में नई सरकार की शपथ की तैयारियां शुरू हो गई हैं। परंपरा के मुताबिक पीएम मोदी बृहस्पतिवार को नई सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। सबसे बड़े दल के नाते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें आमंत्रित करेंगी।