जम्मू: भारतीय सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में करीब 300 आतंकवादी सक्रिय हैं। उन्होंने पुंछ लिंक दिवस के अवसर पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, इनमें से 82 विदेशी और 53 स्थानीय आतंकवादी हैं। लगभग 170 अज्ञात आतंकवादी हैं जिन्हें आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने का जिम्मा सौंपा गया है। यह सेना के लिए चिंताजनक है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमले के संबंध में आतंकवादियों के सभी मंसूबों को रोकने और विफल करने के प्रयास जारी हैं।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि भारतीय सीमा में सीमा पार करने के लिए जम्मू-कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में विभिन्न लॉन्च पैड्स में लगभग 160 आतंकवादी इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद सुरक्षा स्थिति में बड़ा बदलाव आया है क्योंकि शांति और विकास सभी की प्राथमिकता बन गई है। जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को हथियारों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण पड़ोसी देश अब पिस्तौल, ग्रेनेड और ड्रग्स जैसे छोटे हथियारों की खेप भेज रहा है।
उन्होंने कहा, इन छोटे हथियारों का इस्तेमाल गैर-जम्मू-कश्मीर निवासियों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है, जो यहां अपनी जीविका कमाने के लिए आते हैं। स्थानीय लोगों, सुरक्षा बलों और पुलिस ने इस तरह के कृत्यों की निंदा की है। निर्दोष की हत्याओं में शामिल लोगों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। सेना के कमांडर ने यह भी कहा कि सीमा के इस तरफ बड़ी मात्रा में ड्रग्स भेजा जा रहा है और पिछले साल जून में घाटी के बारामूला जिले में 47 करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन जब्त की गई थी। हथियारों और ड्रग्स की सप्लाई को रोकने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्थानीय युवाओं की उग्रवादी संगठनों में भर्ती के बारे में उन्होंने कहा कि यह माता-पिता का कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों की उचित परवरिश सुनिश्चित करने के लिए उन पर नजर रखें।