नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय द्विमासिक समीक्षा बैठक छह फरवरी से शुरू होगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास बैठक के नतीजे की घोषणा आठ फरवरी करेंगे। अंतरिम बजट 2024 के ठीक बाद होने वाली इस बैठक में भी रेपो दर को यथास्थिति जारी रखने की संभावना है।
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों ने रविवार को बताया कि रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में रेपो दर को इस बार भी यथास्थिति पर रखने की संभावना अधिक है। दरअसल, खुदरा मुद्रास्फीति अब भी संतोषजनक दायरे के ऊपरी स्तर के करीब है, इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक इस बार नीतिगत दरों में कोई बदलाव शायद ही करे।
इससे पहले खुदरा महंगाई दर जुलाई, 2023 में 7.44 फीसदी के उच्चतम स्तर पर थी, लेकिन इसके बाद खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट आई है। दिसंबर, 2023 में यह 5.69 फीसदी के स्तर पर थी। सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को दो फीसदी की घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी के दायरे में रखने की जिम्मेदारी सौंपी है। रिजर्व बैंक ने करीब एक साल से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है। आरबीआई ने आखिरी बार रेपो दर फरवरी, 2023 में 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.25 फीसदी से 6.50 फीसदी कर दी थी।