नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति व राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष दिया गया अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस खारिज हो गया है। संसद के शीतकालीन सत्र का आज अंतिम दिन है, ऐसे में विपक्ष के पास अब कोई मौका नहीं है। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश राय ने नोटिस खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा उपराष्ट्रपति की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है। जल्दबाजी में तैयार नोटिस में कई खामियां हैं, यहां तक उपराष्ट्रपति के नाम की स्पेलिंग में गलती है।
उपसभा पति हरिवंश ने विपक्ष के इस नोटिस को खारिज करते हुए इसे तथ्यों से परे बताया है। राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को सौंपे अपने फैसले में हरिवंश ने कहा कि नोटिस देश की संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा कम करने और मौजूदा उपराष्ट्रपति धनखड़ की छवि खराब करने के लिए तैयार किया गया था। गौरतलब है कि ‘INDIA’ की तरफ से धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए अनुच्छेद 67बी के तहत नोटिस दी गई थी।
उपसभापति ने कहा कि जल्दबाजी तैयार की गई नोटिस में कई तरह की खामियां थी। इसे बेहद लापरवाही से तैयार किया गया था। जैसे, नोटिस जिसे लिखा गया है, उसके नाम का उल्लेख तक नहीं है, यहां तक की पूरी याचिका में उपराष्ट्रपति के नाम की स्पेलिंग भी गलत है, इसके साथ संबंधित दस्तावेज संलग्न नहीं है। इन सब के अलावा बिना किसी प्रमाणिकता के मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर इसे तैयार किया गया है। जो बेहद चिंताजनक है कि सिर्फ और सिर्फ इसे धनखड़ की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए दिया गया था।
उपसभापति ने नोटिस खारिज करते हुए कहा कि नोटिस सही और संवैधानिक फॉर्मेंट में नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 90(सी) के प्रावधानों के मुताबिक कोई भी प्रस्ताव लाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस देना होता है, विपक्षी सांसदों द्वारा इसका भी ध्यान नहीं रखा गया। संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में नोटिस को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
धनखड़ से क्यों खफा है विपक्ष?
गौरतलब है कि विपक्षी सांसदों ने द्वारा उपराष्ट्रपति पर कई बार पक्षपात का आरोप लगाया जा चुका है। इस बार भी विपक्ष द्वारा सत्ता पक्ष को ज्यादा मौके देने का आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नोटिस दिया था। इस नोटिस पर 60 सांसदों ने साइन किया था। जिसमें आप, सपा, टीएमसी, शिवसेना उद्धव, एनसीपी शऱद, जेएमएम, और डीएमके के विपक्षी सांसद शामिल थे।