नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आज सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से 23 अगस्त तक जवाब मांगा है और उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।सीएम केजरीवाल ने याचिका में आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी । इस मामले में वह सीबीआई की जांच के दायरे में हैं।
केजरीवाल ने सोमवार को दायर याचिकाओं में दिल्ली हाई कोर्ट के 5 अगस्त के फैसले पर सवाल उठाए, जिसमें कहा गया था कि उनकी गिरफ्तारी न तो अवैध थी और न ही बिना किसी उचित आधार पर थी, क्योंकि सीबीआई ने उनकी हिरासत और रिमांड को सही ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए थे। केजरीवाल की याचिका सिसोदिया मामले पर काफी हद तक आधारित थी, इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री की 17 महीने की लंबी कैद और ऐसे मामले में उनकी लगातार हिरासत, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वतंत्रता और त्वरित सुनवाई के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
आम आदमी पार्टी के प्रमुख की याचिका में तर्क दिया गया है कि जिन आधारों पर अदालत ने सिसोदिया को जमानत पर रिहा करना उचित समझा है, ये बात उन पर भी समान रूप से लागू होने चाहिए। केजरीवाल की याचिका में सिसोदिया मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर जोर दिया गया है। इसमें कहा गया कि बिना मुकदमे के लंबे समय तक कैद में रखना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। खासकर तब, जब जांच काफी हद तक पूरी हो चुकी हो।
केजरीवाल ने अपनी याचिका के माध्यम से तर्क दिया कि वे सिसोदिया की तरह ही इन मानदंडों को पूरा करते हैं और इसलिए उन्हें इसी आधार पर जमानत दी जानी चाहिए। ज्ञात हो कि केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, मई में लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी।