चंडीगढ़। ट्रांसपोर्ट विभाग ने चंडीगढ़ में चलने वाले बैटरी वाले वाहनों को अगले 5 साल तक टैक्स अदा न करने की छूट दी है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के आदेशों को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को डीजल-पेट्रोल वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहन चलाने के लिए यह राहत दी गई है।
शहर में अब लोग धीरे-धीरे पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को लेने की बजाय इलैक्ट्रिक वाहनों को अपना रहे हैं। शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीद करने पर प्रशासन की ओर से लोगों को सबसिडी भी प्रदान की जा रही है। शहर में जहां पहले पेट्रोल व डीजल के आटो ज्यादा होते थे अब उनकी कम ना के बराबर रह गई है। शहर में अब सीएनजी व इलेक्ट्रिक आटो का ही पंजीकरण किया जा रहा है।
आटो चालक इलेक्ट्रिक आटो अपनाकर अच्छी आय कर रहे हैं, वहीं इन्हें बनाने वाली कंपनियां किफायती दरों पर प्रदान कर रही हैं। वहीं शहर में अब इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की संख्या भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। आटोमोबाइल कंपनियां भी इलेक्ट्रिक कारों को मार्किट में उतारती जा रही हैं जिसमें एक बार फुलचार्ज पर 250 किमी की क्षमता मिल रही है। प्रशासन की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों पर अगले पांच साल तक कोई टैक्स नहीं लगाने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
यही नहीं शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ हाइब्रिड वाहनों को भी टैक्स मुक्त किया गया है। उक्त आदेश नगर के गृह सचिव नीतिन कुमार यादव ने जारी किए। शहर में प्रशासन की ओर से अब धीरे-धीरे लोकल बस सेवा को इलेक्ट्रिक करने पर फोकस किया जा रहा है। वर्तमान में शहर में 80 के करीब इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं और इससे सीटीयू को हर रोज लाखों रुपये के ईंधन की बचत हो रही है। वहीं इस गर्मी के मौसम में लोग इन एसी बसों में सफर करने को पहल दे रहे हैं।