नोएडा: बिग बॉस विजेता एल्विश यादव को नोटिस भेज कर जल्द ही नोएडा पुलिस पूछताछ के लिए बुलाएगी। उससे पहले नोएडा पुलिस साक्ष्य को इकट्ठा करने का काम कर रही है। सबसे बड़ी बात है कि आरोपियों के मोबाइल से टेलीग्राम और नाइजीरिया चैट ऐप से ड्रग्स की डील की जानकारी मिली है। जिस पर और जानकारी जुटाई जा रही है। नोएडा-दिल्ली के फॉर्म-हाउस में रेव पार्टी से कनेक्शन पर भी एल्विश के खिलाफ कुछ साक्ष्य मिले हैं। इन सब बातों को छानबीन के लिए पुलिस राहुल समेत तीन को 14 दिन की रिमांड पर लेने की अर्जी कोर्ट में लगाई है।
नोएडा पुलिस फिलहाल एल्विश यादव को गिरफ्तार नहीं कर रही है, इसके पीछे कई महत्वपूर्ण वजह है। थाना सेक्टर 49 के थाना प्रभारी को उनकी शुरुआती गलतियों के चलते उनके पद से हटाकर उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया है। पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक शुरुआती जांच में थाना 49 की तरफ से लापरवाही बरती गई और एल्विश यादव जैसे सेलिब्रिटी के बारे में बिना जांच किए ही, उसका नाम एफआईआर में पीएफए के एक सदस्य गौरव गुप्ता के कहने पर जोड़ दिया गया।
पीएफए सदस्य के स्टिंग ऑपरेशन में न ही एल्विश यादव मौजूद था और ना ही ऑडियो रिकॉर्डिंग में एल्विश का कोई सीधा कनेक्शन राहुल से निकलता दिखाई दे रहा है। इसीलिए जब कोटा पुलिस ने एल्विस को चेकिंग के दौरान रोका था, तो उसने नोएडा पुलिस से संपर्क किया और उसके वांटेड होने की पूछताछ की। लेकिन नोएडा पुलिस के पास फिलहाल पर्याप्त सबूत नहीं हैश् इसीलिए उसने एल्विश को वांटेड नहीं बताया। इसीलिए कोटा पुलिस ने एल्विश को छोड़ दिया।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक अब उसके खिलाफ साक्ष्य मिलना शुरू हुए हैं। जल्द ही नोटिस भेज कर एल्विस को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो उसे गिरफ्तार भी किया जाएगा।