Noida Supertech Twin Towers: निर्माण में अनियमितता बरतने वाले अधिकारियो की मुसीबत बढने जा रही है . क्योंकि शासन के निर्देश पर F.I.R की जाँच शुरु कर दी है.
विजिलेंस टीम ने जगह पर पहुँच कर 8 घटें कागजात खगाँले और उसके बाद काफी देर तक इमारत की जाँच की. 11 अघिकारियो के खिलाफ प्रधिकरण ने विजिलेंस को आरोप पत्र सौंप दिया है . इसके बाद से ही हडंकप मंच गया है.
क्या है Noida Supertech Twin Towers की पुरी कहानी —
बता दे कि 30 नवबंर 2021 तक टावर को ध्वस्त किया जाना था जिसकी जाँच के लिए मुख्यमंत्री योगी ने एक स्पेशल टीम SIT का गठन किया है. इसमें टावर बनने के मामले में 24 अधिकारियो के अलावा सुपरटेक के 4 निदेशक और आर्किटेक्ट कपंनियो कि अनिमितता तय कि गई है . इन टावर को अवैध रुप से बनाया गया है , इनको बनाते वक्त नियमो कि घनघोर उल्लघनं किया गया था . जिसकी वजह से कोर्ट ने उन्हे गिराने कि अनुमति दी है . गिरने से लेकर मलवा हटाने का खर्च सुपरटेक ही करेगा . टावर से प्रभावित लोगो को 12% ब्याज के साथ नुकसान की भरपाई कि जाएगी .
कहा से शुरु हुआ मैटर-
RWA सुसाईटी जो टावर से काफी नजदिक है वहा के सदस्यो ने इस टावर के खिलाफ मामला दर्ज कराया था . सोसाइटी ने बताया कि नक्शे के हिसाब से टावर नही बना है काफी नियमो का टावर बनाते वक्त तोडा भी गया है उसी के साथ उनका कहना है कि इस टावर में 1000 FLAT है जो हमारे FLAT जैसे बिल्कुल नही है जिससे रहने वाले लोगो नें भी अनियमितता आएगी .सुप्रिम कोर्ट नें यह मामला दर्ज होने के 2 साल बाद इमारत को गिराने का आदेश दिया है लेकिन उसके बाद भी यह इमारत गिराने में इतना वक्त लगने के पीछे कई लोगो का हाथ बताया जा रहा है .
अथॉरिटी और सुपरटेक की सांठगांठ कैसे?
अदालत ने पिछली तारीख पर नोएडा अथॉरिटी की हरकतों को ‘सत्ता का आश्चर्यजनक व्यवहार’ करार दिया था। बेंच ने कहा, “जब फ्लैट खरीदने वालों ने आपसे दो टावरों, एपेक्स और सीयान के बिल्डिंग प्लान्स का खुलासा करने को कहा, तो आपने सुपरटेक से पूछा और कंपनी के आपत्ति जताने के बाद ऐसा करने से मना कर दिया। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही आपने उसकी जानकारी दी। ऐसा नहीं है कि आप सुपरटेक जैसे हैं, आप उनके साथ मिले हुए हैं।
रिर्पोट – शिवी अग्रवाल