नई दिल्ली: चंद्रयान-3 जैसे-जैसे चांद के नजदीक जा रहा है देश की उम्मीद बढ़ती जा रही है. इसरो ने आज एक बार फिर यान का ऑर्बिट बदल दिया है. इसके साथ ही चंद्रयान चांद के और नजदीक पहुंच गया. स्पेस एजेंसी ने 11.30 से 12.30 के बीच आज तीसरी बार यान का ऑर्बिट बदला है. यान चांद से अब 150×177 किलोमीटर की दूरी पर है. इसरो ने जब 9 अगस्त को ऑर्बिट बदला था तो चंद्रयान चांद से 174×1437 किलोमीटर की दूरी पर था. इसके साथ ही स्पेस एजेंसी ने ऑर्बिट में बदलाव के लिए अगली तारीख 16 अगस्त तय की है.
चंद्रयान-3 के 40 दिनों की यात्रा के बाद 23 अगस्त को चांद पर उतरने की उम्मीद है. यान को चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग कराने का टारगेट है. अगर इसमें कामयाबी मिलती है तो भारत साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन जाएगा. आज ऑर्बिट में बदलाव के बाद चंद्रयान-3 चांद की सतह के और भी करीब पहुंच गया है. आज ऑर्बिट में बदलाव के बाद यान अब चांद के गोल चक्कर लगाएगा.
चंद्रयान-3 मिशन का पूरा टाइमलाइन
6 जुलाई: इसरो ने ऐलान किया कि मिशन चंद्रयान-3 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च होगा.
7 जुलाई: वाहन विद्युत परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया गया.
11 जुलाई: संपूर्ण लॉन्च प्रक्रिया को पूरा करते हुए 24 घंटे का ‘लॉन्च रिहर्सल’ किया गया.
14 जुलाई: LVM3 M4 व्हीकल ने चंद्रयान-3 को कक्षा तक पहुंचाया.
15 जुलाई: ऑर्बिट में यान को और पुश देते हुए ऑर्बिट में पहला बदलाव किया गया. बेंगलुरु से अर्थबाउंट फायरिंग की प्रक्रिया पूरी की गई. यान 41762×173 किमी की कक्षा में पहुंचा.
17 जुलाई: दूसरी बार यान का ऑर्बिट बदला गया. इसके साथ ही यान 41603 x 226 किमी की कक्षा में स्थापित किया गया.
22 जुलाई: चौथी कक्षा बढ़ाने वाली प्रक्रिया पूरी की गई.
25 जुलाई: कक्षा बढ़ाने की एक और सफलतापूर्वक कोशिश की गई.
1 अगस्त: चंद्रयान-3 ने 288 x 369328 किमी की कक्षा के साथ, ट्रांसलूनर कक्षा में प्रवेश किया.
5 अगस्त: अंतरिक्ष यान ने 164 किमी x 18074 किमी पर चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करके एक बड़ी सफलता हासिल की.
6 अगस्त: चंद्रयान-3 के ऑर्बिट में फिर बदलाव किया गया. इस बार ऑर्बिट को कम किया गया.
9 अगस्त: चंद्रयान-3 का दूसरी बार ऑर्बिट बदला गया. इसके साथ ही यान चांद से 174×1437 किलोमीटर पर पहुंच गया.