नई दिल्ली : अब हॉर्लिक्स हेल्दी फूड ड्रिंक नहीं रह गया है। पैरेंट कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर ने हॉर्लिक्स की कैटेगरी बदल दी है। जिससे अब वह हेल्थ फूड ड्रिंक्स नहीं रह गया। नए बदलाव के बाद हॉर्लिक्स फंक्शनल न्यूट्रीशनल ड्रिंक्स (FND) कहा जाएगा। हिंदुस्तान यूनीलीवर की इस कवायद के पीछे की वजह मोंडालेज इंडिया का बोर्नविटा में एक साल पहले शुगर लेवल काफी ज्यादा पाया जाना है और मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का वह फैसला है, जिसमें मिनिस्ट्री ने ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को अपने प्लेटफॉर्म पर से हेल्दी ड्रिंक्स कैटेगरी से ड्रिंक्स और बेवरेजेज हटाने को कहा था।
हॉर्लिक्स और बूस्ट जैसी ड्रिंक्स हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) की कंपनी के प्रोडक्ट हैं. इससे पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स से हेल्दी ड्रिंक कैटेगरी का नाम हटाने का निर्देश दिए थे, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है.
24 अप्रैल को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान HUL के मुख्य वित्तीय अधिकारी रितेश तिवारी ने घोषणा करते हुए कहा कि यह बदलाव हमारे प्रोडक्ट की कैटेगरी को ज्यादा सटीक और पारदर्शिता प्रदान करेगा.
दरअसल, फूड फार्मर नामक एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर ने लोगों का बॉर्नविटा में हाई शुगर होने की तरफ ध्यान आकर्षित किया था. इसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को जांच का आदेश दिया था, जिसके बाद कंपनियों को अपने प्रोडक्ट की कैटेगरी बदलनी पड़ी.
एचयूएल के अनुसार, ‘फंक्शनल न्यूट्रिशनल ड्रिंक्स’ श्रेणी का मतलब प्रोटीन और कई पोषक तत्वों की कमी की जरूरतों को पूरा करना है. एफएनडी को किसी भी नॉन-अल्कोहॉलिक ड्रिंक के रूप में परिभाषित किया जा सकता है.
नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) ने हाल ही में कहा था कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 के तहत हेल्थ ड्रिंक्स की कोई परिभाषा नहीं है। ऐसे में सभी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को डेयरी, अनाज वाले बेवरेजेज को हेल्थ ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता है। FSSAI का कहना है कि हेल्थ ड्रिंक कहने से ग्राहक गुमराह हो सकते हैं। ऐसे में सभी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स या तो इसे हटाए या फिर विज्ञापनों को सही करें। और इस कवायद की वजह मोंडालेज इंडिया की बोर्नविटा में एक साल पहले शुगर लेवल काफी ज्यादा पाया जाना रहा है।
FSSAI ने कहा है कि कि ‘हेल्थ ड्रिंक’ शब्द FSSAI एक्ट 2006 के तहत परिभाषित नहीं है। ऐसे में इसका इस्तेमाल किसी प्रोडक्ट के लिए नहीं किया जा सकता है। जबकि ‘एनर्जी ड्रिंक्स’ शब्द को केवल कार्बोनेटेड और गैर-कार्बोनेटेड वाटर बेस्ड फ्लेवर्ड ड्रिंक्स जैसे प्रोडक्ट्स पर उपयोग की अनुमति है। नियामक ने कहा था कि इस कार्रवाई का उद्देश्य प्रोडक्ट्स के नेचर और खासियत के बारे में स्पष्टता और पारदर्शिता बढ़ाना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उपभोक्ता भ्रामक जानकारी का सामना किए बिना अच्छी तरह से सूचित विकल्प चुन सकें।