नई दिल्ली : भारतीय कंपनियां अब विदेशी शेयर बाजारों के साथ ही अहमदाबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) पर सीधे लिस्टिंग हो सकेंगी। सरकार ने इस संबंध में कोविड राहत पैकेज के तहत घोषणा की थी, लेकिन इस संबंध में नियमों को अभी अधिसूचित किया जाना है। इसके जरिए घरेलू कंपनियों को विदेश में अलग-अलग शेयर बाजारों पर अपने शेयरों को लिस्टिंग करके फंड जुटाने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा-घरेलू कंपनियां अब विदेश में सिक्योरिटीज को प्रत्यक्ष रूप से सूचीबद्ध कर सकती हैं। सरकार ने IFSC एक्सचेंज पर सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों की डायरेक्ट लिस्टिंग को मंजूरी देने का भी फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा कदम है और इससे भारतीय कंपनियों को बेहतर वैल्युएशन की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही वैश्विक पूंजी तक पहुंच मिलेगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारतीय कंपनियों की सीधे विदेश में लिस्टिंग के नियम कुछ हफ्तों में नोटिफाई किए जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि शुरुआत में भारतीय कंपनियों को आईएफएससी पर सूचीबद्ध होने की अनुमति दी जाएगी, और बाद में उन्हें सात या आठ देशों में इसकी अनुमति दी जाएगी।
यह कदम कॉरपोरेट डेब्ट मार्केट्स में म्यूचुअल फंड और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने के साथ ही कॉरपोरेट डेब्ट सिक्योरिटीज में सेकेंड्री मार्केट की नकदी में सुधार लाने के लिए है। एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट सीडीएमडीएफ (कॉरपोरेट ऋण बाजार विकास कोष) के निवेश प्रबंधक के रूप में काम करेगा।
सेबी ने एनवाईएसई, नैस्डैक, एलएसई और हांगकांग के साथ ही जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी, स्विटजरलैंड और कनाडा के शेयर बाजार में देश कंपनियों को सूचीबद्ध होने का प्रस्ताव दिया था, जहां मनी-लॉन्ड्रिंग के लिए सख्त नियम हैं।