रेलवे बोर्ड के बदले नियम के अनुसार, स्लीपर क्लास में दिव्यांगों के लिए 4, नीचे की 2, बीच वाली 2, थर्ड एसी की 2, इकोनॉमी की 2 सीटों को रिजर्व किया है। इस सीट पर वो या उनके साथ साथ सफर कर रहे लोग भी बैठ सकते हैं। वहीं गरीब रथ ट्रेन में 2 नीचे और 2 ऊपर की सीटें विकलांग लोगों को दी जाएंगी। हालांकि, उन लोगों को सीटों का पूरा किराया देना पड़ेगा।
भारतीय रेलवे सीनियर सिटीजन, मतलब बुजुर्गों को लोअर बर्थ सीट देगा। स्लीपर क्लास में 6 से 7 लोअर बर्थ, हर थर्ड एसी कोच में 4 से 5 लोअर बर्थ, हर दूसरे एसी कोच में 3-4 लोवर बर्थ ट्रेन में 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों और प्रेग्नेंट महिलाओं को सुविधा दी जाएगी। इस केटेगरी के लोगों को बिना कोई विकल्प चुनें सीटें मिल जाती है।
वहीं अगर किसी सीनियर सिटीजन, दिव्यांग या गर्भवती महिलाओं को ऊपर की सीट वाली टिकट मिलती है, तो टीटी ऑनबोर्ड भी टिकट की चिकिंग के समय नीचे की सीट उन्हें दिलवा सकता है।
रेलवे के नियम के अनुसार, जो भी यात्री साइड लोअर बर्थ पर सफर कर रहा है, उसे साइड अपर यात्री को दिन के समय में भी नीचे बैठने की जगह देनी पड़ेगी। रेलवे के एक नियम अनुसार, अगर लोवर बर्थ पर RAC वाले दो यात्री पहले से यात्रा कर रहे हैं, तब भी उन्हें बर्थ वाले को सीट देनी पड़ेगी।
बार ऐसा होता है कि यात्री ट्रेन में सफर के समय, इन नियमों से परिचित नहीं होता। जिसकी वजह से कई बार स्थिति खराब हो जाती है। ऐसे में दो यात्री के बीच बात न बिगड़े इसके लिए रेलवे ने खास नियम बनाएं हैं। अगर कोई यात्री तय समय से पहले या बाद में या फिर समय से पहले मिडिल बर्थ खोलने को अड़ जाए, तो आप उसे ऐसा करने से रोक सकते हैं। इस बात की शिकायत आप टीटीई से कर सकते हैं।