एयरपोर्ट पर अब बोर्डिंग पास के लिए नहीं देना होगा एक्स्ट्रा पैसा

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नई दिल्ली: हवाई यात्रा (Air travel) करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब यात्रियों को एयरपोर्ट चेक-इन काउंटर्स पर बोर्डिंग पास (Boarding pass) लेने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। एयरलाइंस (Airlines) अब एयरपोर्ट पर बोर्डिंग पास जारी करने के लिए कोई अतिरिक्त राशि नहीं ले सकती हैं। नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। इस समय वेब चेक-इन नहीं करने पर एयरलाइंस बोर्डिंग पास जारी करने के लिए 200 रुपये अतिरिक्त शुल्क लेती हैं। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (Indigo) भी हवाईअड्डे के चेक-इन काउंटर पर यात्रियों से बोर्डिंग पास के लिए अतिरिक्त शुल्क लेती है।

नियमों में नहीं है अतिरिक्त राशि का प्रावधान
नागर विमानन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि एयरलाइंस यात्रियों से बोर्डिंग पास जारी करने के लिए अतिरिक्त राशि वसूल रही है। यह अतिरिक्त राशि उक्त आदेश में दिए गए निर्देशों के अनुसार या विमान नियम, 1937 के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार नहीं है।” मंत्रालय ने कहा, “एयरलाइंस को सलाह दी जाती है कि वे हवाई अड्डे के चेक-इन काउंटरों पर बोर्डिंग पास जारी करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क न लें। इसे विमान नियमों के रूल 135 के तहत प्रदान किए गए टैरिफ के भीतर नहीं माना जा सकता है।”

मंत्रालय ने ट्वीट कर दी जानकारी
मंत्रालय ने एक ट्वीट भी किया है। इस ट्वीट कहा गया, ‘‘नागर विमानन मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि एयरलाइंस यात्रियों को बोर्डिंग पास जारी करने के लिए अतिरिक्त शुल्क ले रही हैं। यह विमानन नियम, 1937 के प्रावधानों के अनुरूप जारी निर्देशों के तहत उचित नहीं है।’’

हवाई उड़ानों में बीते एक महीने में आईं कई तकनीकी खराबी
बीते एक महीने में भारतीय विमानन कंपनियों की उड़ानों में तकनीकी खराबी के कई मामले सामने आए हैं। बुधवार को गो फर्स्ट के एक विमान की विंड शील्ड क्रैक हो गई थी। गो फर्स्ट की उड़ानों में हाल के दिनों में कई तकनीकी खराबी देखी गई हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सुरक्षित हवाई यात्रा सुनिश्चित करने के मुद्दे पर विमानन कंपनियों, अपने मंत्रालय के अधिकारियों और डीजीसीए अधिकारियों के साथ कई बैठकें भी की हैं। डीजीसीए ने सोमवार को बताया था कि उसके अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच की। इसमें पाया गया कि उड़ान से पहले विभिन्न कंपनियों के विमानों को प्रमाणित करने वाले इंजीनियरों की संख्या अपर्याप्त है।

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