नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) (National Payments Corporation of India (NPCI)) ने यह साफ किया है कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) (Unified Payments Interface (UPI)) के जरिए सामान्य लेन-देन (general transaction) करने वाले ग्राहकों को एक अप्रैल से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं (no extra charge) देना पड़ेगा। एनपीसीआई ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
एनपीसीआई ने बुधवार को ट्वीट कर कहा है कि यूपीआई के जरिए सामान्य भुगतान आगे भी फ्री और आसान बना रहेगा। मीडिया में इस आशय का समाचार आने पर कि एक अप्रैल से 2 हजार रुपये से ज्यादा के यूपीआई भुगतान पर चार्ज लगेगा, इससे लोगों में पैनिक हो गया। इस भ्रम को दूर करते हुए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने उपरोक्त स्पष्टीकरण जारी किया है। यूपीआई के जरिए एक बैंक खाते से दूसरे खाते में लेन-देन की कुल हिस्सेदारी 99 फीसदी से ज्यादा है। भुगतान निगम के मुताबिक एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाता आधारित सामान्य यूपीआई भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। बयान में कहा गया है कि दुकानदार (विक्रेता) के ‘पूर्व भुगतान साधन (पीपीआई)’ के जरिए लेन-देन करने पर इंटरचेंज शुल्क लगेगा। हालांकि, यह शुल्क ग्राहकों को नहीं देना होगा।
दरअसल, एनपीसीआई ने पीपीआई वॉलेट को अंतर-संचालित (इंटरचेंज) यूपीआई परिवेश का हिस्सा बनाने की मंजूरी दी है। पीपीआई के जरिये 2 हजार रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर 1.1 फीसदी का शुल्क लगाया है। इसमें बताया गया है कि इंटरचेंज शुल्क सिर्फ पीपीआई मर्चेंट लेन-देन पर ही लगेगा, ग्राहकों पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। बैंक खाते से बैंक खाते में लेन-देन ग्राहकों और विक्रेताओं दोनों के लिए नि:शुल्क होगा।
उल्लेखनीय है कि यूपीआई के जरिए हर महीने करीब 8 अरब ट्रांजेक्शन होता है। इसका फायदा खुदरा ग्राहकों को मिल रहा है। यह सुविधा आगे भी मुफ्त बनी रहेगी और खाते से खाते में लेन-देन पर किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसका मतलब हुआ कि फोनपे, पेटीएम, गूगलपे से यूपीआई भुगतान पहले की ही तरह मुफ्त बना रहेगा।