भुवनेश्वर। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को दु:खद ट्रेन हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ था। दुर्घटनास्थल पर रेल यातायात बहाली के काम की निगरानी कर रहे वैष्णव ने कहा, रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने अपनी जांच पूरी कर ली है और जल्द ही रिपोर्ट सौंपेंगे। जांच रिपोर्ट आने दीजिए। हालांकि हमने दुर्घटना के कारण और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली है। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह हुआ।
उन्होंने कहा, जांच में पता चल जाएगा कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कवच या टक्कर रोकने वाले उपकरण के न होने का इस हादसे से कोई लेना-देना नहीं है। मंत्री ने कहा कि शनिवार को दुर्घटनास्थल का निरीक्षण करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के अनुसार मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है जो बुधवार सुबह तक काम पूरा हो जाएगा। दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) ने एक बयान में कहा कि दोनों यात्री ट्रेनों के सभी 21 कोच पटरी पर से हटा लिए गए हैं। मालगाड़ी के तीन डिब्बों और इंजन को हटाने का काम चल रहा है। पटरी को जोड़ने और बिजली के तार ठीक करने का काम साथ-साथ चल रहा है।
ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगा रेलवे स्टेशन के पास हुए इस हादसे में दो एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी। चेन्नई की ओर जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा की ओर जा रही एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे। दुर्घटना में 288 लोगों के मरने की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है तथा 1,100 से ज्यादा लोग घायल हैं।