यूपी में ‘ऑफिसर डेस्क सिस्टम’ से सचिवालय के कार्यों को मिलेगी नयी रफ्तार

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने सचिवालय के कार्यों में तेजी लाने, समयबद्ध निस्तारण और पारदर्शिता के लिए विभागों में सचिवालय डेस्क ऑफिसर प्रणाली लागू करने का निर्णय किया है। इससे जहां फाइलों का तेज़ निस्तारण होगा, वहीं भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। सरकार की योजनाओं को भी बिना देरी लागू किया जा सकेगा। इसका सीधा फायदा प्रदेश की जनता को मिलेगा।

दरअसल, मोदी सरकार के 40 मंत्रालयों में 623 डेस्क इकाई स्थापित की गयी है। डेस्क ऑफिसर प्रणाली के तहत एक अनु सचिव या वरिष्ठ अनुभाग अधिकारी डेस्क से जुड़ी जिम्मेदारियों की प्रकृति के आधार पर डेस्क अधिकारी के रूप में कार्य करता है।

यूपी सचिवालय में लागू की जा रही डेस्क ऑफिसर प्रणाली का उद्​देश्य सचिवालय स्तर पर विभागों में नियामक कार्यो का त्वरित एवं समयबद्ध निस्तारण है। यह प्रणाली ऑफिसर ओरिएंटेड है। इसके जरिये सचिवालय स्तर पर स्थित विभागों में अनुभागों के माध्यम से उच्चाधिकारियों तक पत्रावली प्रस्तुतिकरण के दौरान त्वरित कार्य निस्तारण में विलम्ब की संभावना को समाप्त करना है।

ऐसे में सचिवालय स्तर पर विभागों में नियामक कार्यों (रेग्युलेटरी वर्क) के त्वरित एवं समयबद्ध निस्तारण के लिए सचिवालय स्तर पर स्थित विभागों में एक-एक डेस्क इकाई गठित की जाएगी। इसके लिए विभागों से सुझाव मांगे गये थे।

सचिवालय के बीस विभागों ने विभाग में डेस्क ऑफिसर प्रणाली लागू करने पर सहमति दी, जहां इसे जल्द लागू कर दिया जाएगा। सरकार के अनुसार सचिवालय स्तर के विभाग में डेस्क ऑफिसर प्रणाली के तहत हर डेस्क इकाई में एक विशेष सचिव, संयुक्त सचिव, निजी सचिव और अपर निजी सचिव की तैनाती की जाएगी।

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