नई दिल्ली: जी हां, आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा। कहते हैं कि जन्म और मृत्यु (death) पर इंसानों का वश नहीं होता, यह नियति निर्धारित करती है, लेकिन दुनिया में एक जगह ऐसी है, जहां लोगों की मृत्यु पर रोक है, यानी उस जगह मौत एक कानूनन जुर्म है। यहां तक कि यहां रहने वाले लोग अपने आखिरी समय में वह जगह छोड़ने को विवश होते हैं।
अब हम आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह। ये जगह है नाॅर्वे (Norway) का लाॅन्गइयरबेन (Longyearbyen), जहां पिछले 70 साल से एक भी मौत नहीं हुई है। दरअसल, यहां का मौसम इतना ठंडा होता है कि यहां जिंदा रहना काफी मुश्किल है और अगर किसी की मौत हो जाती है तो उसकी बाॅडी भी नष्ट नहीं होती है। इस वजह से यहां प्रशासन ने लोगों की मृत्यु पर प्रतिबंध लगा दिया है और 1950 से यहां किसी कब्रिस्तान में शव दफनाए नहीं गए हैं।
यहां तक कि जिन लोगों की मौत 1918 में फ्लू के कारण हुई थी, 80 साल बाद भी उनके शवों में उस फ्लू के वायरस पाए गए। जिस कारण संक्रमण फैलने से रोकने के लिए यहां प्रशासन ने लोगों की मृत्यु पर रोक लगा दी है और व्यक्तियों को उनके आखिरी समय में उन्हें हेलिकाॅटर की मदद से लाॅन्गइयरबेन (Longyearbyen) से देश के दूसरे हिस्से में ले जाया जाता है, जहां मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाता है।