नई दिल्ली: हम सबने चूहों के बिल देखे होंगे. चूहे अपने बिल से बाहर निकलते हैं, अपना खाना लेते हैं और फिर झट से बिल में घुस जाते हैं. आप भी सोचते होंगे कि आखिर चूहे इतने छोटे से बिल में कैसे रह लेते होंगे. आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के नक्शे पर एक ऐसा गांव है, जहां ‘चूहों के बिल’ में इंसान रहते हैं. क्या हुआ? चौंक गए न आप!
चूहों के बिल में रहते हैं लोग
ईरान में एक गांव है कंदोवन. इस गांव के लोग सैकड़ों सालों से ‘चूहों के बिल’ में रहते हैं. दुनिया के कुछ गांव अपनी खूबसूरती और कुछ अजीबोगरीब परंपराओं के लिए जाने जाते हैं लेकिन ईरान का कंदोवन गांव ‘चूहों के बिल’ जैसे घरों के लिए जाना जाता है. दरअसल, इस गांव के लोग चूहों के बिलों में नहीं रहते बल्कि यहां के लोग अपने घर को बिल्कुल चूहों का बिल जैसा बनवाते हैं. यह बिलकुल सच है. हम आपको बताते हैं कि यहां के लोग ऐसा क्यों करते हैं.
गर्मी में मिलती है ठंडक
कंदोवन गांव के लोग अपने घरों को चूहों के बिल जैसा इसलिए बनवाते हैं, जिससे उन्हें गर्मी से राहत मिल सके. भले ही यह घर दिखने में अजीब लगते हैं, लेकिन रहने में बहुत ही ज्यादा आरामदायक होते हैं. यह गांव कोई 100-200 साल पुराना नहीं, बल्कि 700 साल पुराना है. इस गांव में रहने वाले लोगों को न तो हीटर की आवश्यकता पड़ती है और न ही AC की जरूरत होती है. गर्मी के मौसम में ये घर एसी की तरह ठंडे रहते हैं. सिर्फ यही नहीं सर्दी में ये घर गर्म होते हैं.
गांव का इतिहास
यहां रह रहे लोग बताते हैं कि मंगोलों के हमलों से बचने के लिए उनके पूर्वजों ने यह गांव बसाया था. कंदोवन गांव के प्रारंभिक निवासी मंगोलों के हमलों से बचने के लिए यहां आए थे. यहां वह मंगोलों से छिपने के लिए ज्वालामुखी चट्टानों में अपना ठिकाना खोजते थे. एक तरह से वह यहां पर बिल खोदकर उसमें रहते थे. धीरे-धीरे यही उनका स्थायी घर बन गया. अब यह गांव दुनियाभर में अपने अनोखे घरों के लिए जाना जाने लगा है.