लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के विशेष प्रयासों से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा ‘ए’ श्रेणी प्रदान की गई है। इस अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार और प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नैक मूल्यांकन में विश्वविद्यालय को ‘ए’ श्रेणी प्राप्त होना निश्चय ही गर्व की बात है, क्योंकि नैक द्वारा भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षण कार्य के साथ-साथ समग्र व्यवस्थाओं का आकलन किया जाता है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों की श्रेणी में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को नैक द्वारा ‘ए’ श्रेणी प्राप्त प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने विश्वविद्यालय को गुणवत्ता उत्कृष्ट करने के प्रयासों को उच्चतम श्रेणी प्राप्त करने तक निरंतर जारी रखने की प्रेरणा दी।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों में शिक्षण एवं व्यवस्थाओं में गुणवत्ता सुधार हेतु वृहद स्तर पर विशेष रूप से प्रयासरत हैं। राज्यपाल द्वारा प्रत्येक विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन के सातों क्राइटेरिया पर कमेटी गठित कर हर विश्वविद्यालय के उन कमेटी अध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक करने का एक लम्बा क्रम जारी रहा है।
इसी क्रम में राज्यपाल के विशेष प्रयासों से मूल्यांकन के मानदण्डों पर बेहतर तैयारियां विकसित कराने के लिए नैक विशेषज्ञों को आमंत्रित कर कर गत 04 और 05 अप्रैल, 2022 को लखनऊ में ‘नैक मंथन’ कार्यशाला का आयोजन भी कराया गया। इस कार्यशाला में प्रदेश के सभी कुलपतियों एवं उनके साथ नैक तैयारियों में संलग्न टीम के सदस्यों ने प्रतिभाग किया था। यह देश में अपनी तरह की पहली और अभूतपूर्व कार्यशाला थी।
हाल ही में 9 जून, 2022 को राज्यपाल ने प्रदेश के 09 कुलपतियों के साथ नैक द्वारा ‘ए’ श्रेणी में वर्गीकृत पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़, ‘ए़’ श्रेणी में वर्गीकृत चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय, मोहाली तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च श्रेणी प्राप्त इण्डियन स्कूल ऑफ बिजनेस, मोहाली का भ्रमण किया। राज्यपाल के साथ गए कुलपतियों ने विश्वविद्यालय की शोध प्रयोगशालाओं, इन्फ्रास्ट्रक्चर, परिसरों का निरीक्षण, छात्रावासों की व्यवस्थाएं, एल्युमनी परिसर, ऊष्मायन केंद्र, पी.एच.डी. विभाग सहित सभी प्रमुख व्यवस्थाओं का अवलोकन किया।