शिक्षक दिवस पर सीएम योगी करेंगे गुरुजनों का सम्मान, लॉन्च होंगे पांच पोर्टल

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लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर लोकभवन में विभिन्न बोर्ड के मेधावियों के आठ प्रधानाचार्यों को सम्मानित करने के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग के 75 शिक्षकों को भी राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। सीएम योगी माध्यमिक शिक्षा विभाग के पांच पोर्टल का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बालिकाओं एवं समर्थ कार्यक्रम के अंतर्गत दिव्यांग बच्चों को स्टाइपेंड एवं एस्कॉर्ट अलाउंस का डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरण भी मुख्यमंत्री करेंगे। वहीं प्रवीण योजना के तहत राजकीय विद्यार्थियों को वोकेशनल ट्रेनिंग और जॉब रेडी स्किल्स के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच एमओयू भी सीएम की मौजूदगी में साइन किया जाएगा।

14 इंटर कॉलेज का किया जाएगा शिलान्यास
शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकभवन में यूपी, सीबीएसई, सीआईएससीई, उत्तर प्रदेश संस्कृत शिक्षा परिषद के मेधावी विद्यार्थियों के आठ प्रधानाचार्यों को सम्मानित करेंगे। इसके साथ पांच पोर्टल पहुंच, पंख, प्रज्ञान, परख और पहचान का शुभारंभ करेंगे। वहीं 39 नये हाईस्कूल और 14 इंटर कॉलेज का शिलान्यास किया जाएगा।

इन पोर्टल का करेंगे शुभारंभ
1. पहुंच: प्रदेश के स्कूलों की मैपिंग के लिए पहुंच पोर्टल को विकसित किया गया है। इससे प्रदेश में कौन से स्कूल कहां स्थित हैं, शहर के नजदीक कितने स्कूल हैं और नया स्कूल बनाने के लिए कौन सी जगह ठीक रहेगी आदि की जानकारी पोर्टल में है। इससे माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की व्यवस्था और अधिक पारदर्शी होगी।

2. पंख: विद्यार्थियों के करियर गाइडेन्स के लिए इस पोर्टल को विकसित किया गया है। इसके जरिए कक्षा-10 और कक्षा-12 की परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद विद्यार्थी अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए किस विकल्प को चुने, इसकी जानकारी पोर्टल पर होगी। विद्यार्थी कॉलेज, छात्रवृत्ति, कौशल विकास कार्यक्रम, इन्टर्नशिप और शिक्षा के विषय में उपलब्ध विकल्पों के बारे में बेहतर सलाह ले सकेंगे।

3. प्रज्ञान: छात्रों को पठन पाठन की सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ई लाइब्रेरी पोर्टल और एप प्रज्ञान को बनाया गया है। विद्यार्थियों और जन सामान्य को सहजतापूर्वक सम-सामयिक एवं संदर्भ सामग्री उपलब्ध कराने के लिए ई-लाइब्रेरी पोर्टल ‘प्रज्ञान’ और मोबाइल एप विकसित किया गया है। पोर्टल पर ई-पुस्तकों के विशाल संग्रह के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं, उद्यमिता व स्टार्टअप, एनआईसी ई-ग्रन्थालय एवं उप्र लाइब्रेरी नेटवर्क की जानकारी उपलब्ध है।

4. परखः किस राजकीय विद्यालय में क्या संसाधन हैं तथा विद्यालयों में हो रही गतिविधियों की जानकारी, पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण के लिए ‘परख’ पोर्टल विकसित किया गया है। पोर्टल से प्रदेश में संचालित 2,357 राजकीय विद्यालयों में निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षण कार्य की प्रगति, शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति और भौतिक संसाधनों की उपलब्धता का ऑनलाइन अनुश्रवण सम्भव होगा। विद्यालयों के प्रदर्शन के मानक भी विकसित किये गये हैं, जिनके आधार पर प्रत्येक राजकीय विद्यालय की श्रेणी निर्धारित होगी। प्रदर्शन आधारित श्रेणीकरण की व्यवस्था से विद्यालयों में स्वस्थ शैक्षिक प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होगी।

5.पहचान: यूपी बोर्ड द्वारा 20,941 स्ववित्त पोषित मान्यता प्राप्त, 4,512 सहायता प्राप्त और 2,357 राजकीय विद्यालयों की जानकारी के लिए हर विद्यालय का वेबपेज बनाया गया है, जो कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इस वेबपेज पर जन-सामान्य और अभिभावकों के लिए विद्यालय में छात्र पंजीकरण, स्टाफ विवरण, सुविधाएं, विविध क्षेत्रों में प्रदर्शन, परीक्षा परिणाम और विशिष्ट उपलब्धि इत्यादि की जानकारी मौजूद है।

वोकेशनल ट्रेनिंग और जॉब रेडी स्किल्स के लिए साइन होगा एमओयू
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के समाने प्रवीण योजना के तहत राजकीय विद्यार्थियों को वोकेशनल ट्रेनिंग और जॉब रेडी स्किल्स के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच एमओयू साइन किया जाएगा। यह एमओयू माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ सरिता तिवारी एवं कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक आन्द्रा वामसी के बीच होगा। योजना के तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के सहयोग से राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से जॉब रेडी स्किल्स के विकास के लिए प्रत्येक कार्यदिवस में विद्यालय अवधि में निःशुल्क सर्टिफिकेशन कोर्स संचालित किया जायेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 39 नवीन हाईस्कूल और 14 नवीन इंटर कॉलेज का शिलान्यास किया गया। इन राजकीय हाईस्कूलों की स्थापना से प्रतिवर्ष लगभग 6,240 और राजकीय इंटर कॉलेजों की स्थापना से लगभग 2240 छात्र-छात्राओं को अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी।

 

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