प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि का शुभ संयोग 8 मार्च को, शुभ के किए शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें

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नई दिल्‍ली : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत और चतुर्दशी तिथि पर शिवरात्रि पड़ती है। फाल्गुन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का महत्व सबसे अधिक होता है। इस दिन माता पार्वती और शिवजी का विवाह हुआ था। प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष अराधना की जाती है।

फालगुन माह में प्रदोष व्रत और शिवरात्रि एक ही दिन यानी 8 मार्च को है। प्रदोष व्रत उदायतिथि के नियमानुसार रखा जाता है और शिवरात्रि में रात्रि पूजा का महत्व होता है, जिस वजह से प्रदोष व्रत और शिवरात्रि एक ही दिन पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि और प्रदोष व्रत का संयोग बेहद शुभ और खास होता है।

सनातन धर्म के अनुसार प्रदोष और शिवरात्रि का संगम होने से मनुष्य के जीवन में सुख शान्ति की अमृत की वर्षा होती है। इस पावन दिन गृहस्थ जीवन को प्रेम, सौहार्द, समन्वय, सामंजस्य के लिये 5-5 बेलपत्र पति-पत्नी को भगवान शिव पर चढ़ाना चाहिए।

पूजा- विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।

स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

अगर संभव है तो व्रत करें।

भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।

इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान शिव की आरती करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

शिवजी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें-

जल

शिवजी को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय है शिवलिंग पर जल चढ़ाना।
दूध

शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से भी शिवजी प्रसन्न होते हैं।
दही

शिवलिंग पर दही भी अर्पित करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने व्यक्ति परिपक्व बनता है और जीवन में स्थिरता आती है।
देसी घी

शिवलिंग पर देसी घी अर्पित करने से शिवजी की कृपा प्राप्त होती है।
चंदन

शिवलिंग पर चंदन अवश्य लगाएं।

पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

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