जयपुर : राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष ने राज्यभऱ में बड़े पैमाने पर पेपर लीक को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरा (Surrounded)। राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने इस मुद्दे को उठा दिया। विधानसभा अध्यक्ष के सामने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रदेश में पेपर लीक की घटनाएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं।
इसके बाद भाजपा सदस्यों ने ”सरकार विरोधी” नारे लगाए। तख्तियां लहराते हुए भाजपा और आरएलपी के विधायकों ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की। हालांकि, राज्यपाल कलराज मिश्र 21 मिनट तक अभिभाषण पढ़ने में सफल रहे, लेकिन हंगामे के कारण वह इसे पूरा नहीं कर सके, लेकिन राज्यपाल के अभिभाषण को पढ़ा गया माना गया। इसके तुरंत बाद, राज्यपाल विधानसभा से चले गए।
पिछले सत्र की तरह ही पेपर लीक की समस्या के कारण लगातार व्यवधान देखा गया, इस बार भी शुरुआत खराब रही है। इस बीच, विधायकों के इस्तीफे का मामला अध्यक्ष के पास लंबित होने के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया।
गौरतलब है कि राठौर ने हाईकमान द्वारा सीएम निवास पर बुलाई गई बैठक के खिलाफ 25 सितंबर को 91 विधायकों के इस्तीफे के मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की थी। संयम लोढ़ा ने सदन में विशेषाधिकार प्रस्ताव रखने की अनुमति मांगी है। अब आगे की कार्रवाई के बारे में स्पीकर फैसला करेंगे।
इस बीच राजेंद्र राठौड़ ने लोढ़ा पर निशाना साधते हुए कहा, ”91 विधायकों के इस्तीफे का मामला जो डेढ़ महीने से अदालत में लंबित है, उसने अब उनका ध्यान खींचा है। विधानसभा के नियम और प्रक्रिया 53 में कहा गया है कि जो मामला अदालत में विचाराधीन है, उस पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। राज्य सरकार विधानसभा का इस्तेमाल ढाल के तौर पर कर रही है लेकिन वे सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव का विरोध करेंगे।