नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर के वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस शहर नोएडा की दुनियाभर में अलग पहचान है। हाल ही में यूपी इंवेस्टर समिट में भी नोएडा के नाम 32 लाख करोड़ के कुल निवेश में से 30 फीसदी रकम आई थी। यानी 10 लाख करोड़ से ज्यादा रकम का निवेश अकेले गौतमबुद्धनगर जिले के लिए निवेशकों ने किया था। नोएडा की इस बढ़ती साख के बाद अब यहां बसाए जा रहे न्यू नोएडा को भी दुनिया के आधुनिकतम शहरों की तर्ज पर बनाने की योजना शुरू हो गई है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अगले तीन महीनों में न्यू नोएडा और न्यू ग्रेटर नोएडा की स्थापना के लिए काम शुरू करेंगे। वे आने वाले दो शहरों के लिए मास्टरप्लान को अंतिम रूप देंगे। इसके बाद वे जमीन खरीदना शुरू कर देंगे। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भूमि की संभावित कमी के कारण इन दोनों शहरों को विकसित किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा में कुछ जमीन बची है, लेकिन नोएडा लगभग पूरी तरह विकसित हो चुका है। राज्य के विकास को पटरी पर रखने के लिए अधिकारी इन दोनों शहरों की योजना बना रहे हैं। इन दोनों शहरों में जमीन की कीमतें नोएडा और ग्रेटर नोएडा से कम होंगी। सीईओ रितु माहेश्वरी ने जुलाई से काम शुरू करने की डेडलाइन तय की है। दोनों शहरों के लिए नोटिफिकेशन पहले ही जारी किया जा चुका है।
सूत्रों की माने तो, न्यू नोएडा 20 हजार क्षेत्र में बसाया जाने वाला यह क्षेत्र में 41 प्रतिशत में औद्योगिक, 11.5 में आवासीय, 17 प्रतिशत हरियाली और रिएक्शनल, तो वहीं 15.5 प्रतिशत में सड़क, नौ प्रतिशत संस्थागत और 4.5 प्रतिशत हिस्से में व्यावसायिक हिस्सा विकसित की जाएगी। वहीं इस नए शहर को बसाने के लिए दादरी और बुलंदशहर के 87 गांव की जमीन पर काम होगा, जिससे दादरी-नोएडा- गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र बसाया जाएगा।
वहीं, न्यू ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा के फेज 2 की योजना है। इस प्रोजेक्ट की देखरेख ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी कर रही है। उन्होंने एक निजी कंपनी को ड्राफ्ट तैयार करने को कहा है। न्यू ग्रेटर नोएडा में गौतम बुद्ध नगर के अलावा हापुड़, बुलंदशहर और गाजियाबाद के 150 गांवों को शामिल किया गया है. इसका क्षेत्रफल 28000 हेक्टेयर होगा। बताया जा रहा है कि न्यू नोएडा में वो सारी सुविधाएं होंगी जो दुनिया के किसी विकसित शहर में हो सकती हैं। इस शहर में जाम से बचने के लिए मल्टी-लेवल पार्किंग होगी जो सड़कों पर ट्रैफिक के रास्ते में आने वाले किसी भी वाहन की संभावना को खत्म करेगी। यहां पर आधुनिक सुविधाओं से लैस गगनचुंबी इमारतें बनाई जाएंगी और इस शहर को कंक्रीट का जंगल बनने से रोकने के लिए ग्रीनरी पर फोकस किया जाएगा।