मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 28 नवंबर को है, इसलिए विवाह पंचमी इस तारीख को मनाई जाएगी. इस तिथि को भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था. राजा जनक ने सीता जी के विवाह के लिए स्वयंवर आयोजित की थी, जिसमें भगवान श्रीराम अपने गुरु और भाई लक्ष्मण के साथ उपस्थित हुए थे. उन्होंने शिव जी का धनुष तोड़ा और सीता जी उनको वरमाला पहनायीं. फिर दोनों का विवाह संपन्न हुआ. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं विवाह पंचमी के दिन किए जाने वाले उन उपायों के बारे में, जिससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
विवाह पंचमी पर करने वाले उपाय
1. विवाह पंचमी के अवसर पर भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह का आयोजन कराना चाहिए. ऐसा करने से विवाह तय होने में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं. जलद ही विवाह का योग बनता है.
2. विवाह पंचमी के अवसर पर भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा शादीशुदा जोड़े को साथ में करना चाहिए. इससे दोनों के बीच संबंध मधुर होते हैं. रामचरितमानस में वर्णित राम सीता विवाह के प्रसंग को पढ़ने से वैवाहिक जीवन की कड़वाहट दूर होती है और दांपत्य जीवन खुशहाल होता है.
3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिन लोगों का विवाह किन्हीं कारणों से नहीं हो पा रहा है, उन लोगों को विवाह पंचमी के दिन नीचे दी गई चौपाई को पढ़ना चाहिए. इससे विवाह के योग बनते हैं.
पानिग्रहन जब कीन्ह महेसा।
हियं हरषे तब सकल सुरेसा॥
बेदमन्त्र मुनिबर उच्चरहीं।
जय जय जय संकर सुर करहीं॥
4. विवाह पंचमी के अवसर पर भगवान विष्णु को दूध में केसर मिलकार अर्पित करें और तुलसी के पत्ते और पंचामृत का भोग लगाएं. ऐसा करने से व्यक्ति का जीवन सुखमय होता है. भगवान श्रीराम श्रीहरि विष्णु के ही अवतार थे.
5. जो लोग मनचाहे जीवनसाथी की कामना रखते हैं, उनको विवाह पंचमी के दिन श्रीराम और सीता जी की पूजा करनी चाहिए. पूजा में सीता जी को सोलह श्रृंगार सामग्री अर्पित करनी चाहिए. इससे आपकी मनोकामना पूर्ण होगी.