राम रहीम को पैरोल पर जेल से रिहा कर दिया गया है . लेकिन इस रिहाई को पजांब चुनाव की राजनीति से जोडकर देखा जा रहा है।
हम आपको बता दे की पजांब में एक सच्चा डेरा नाम की कमेटी है जिसके लाखो फोलोअर्स है .
राम रहीम इस कमेटी के प्रमुख है .कमेटी से जुडे सभी लोगो का कहना है की डेरा जंहा इशारा करेगा हम वही वोट देंगे।
पंजाब में करीब 10 हजार डेरे हैं और राजनीतिक इतिहास में डेरा सच्चा सौदा ने ही सबसे ज्यादा खुलकर राजनीति में भाग लिया है। डेरा खुलकर चुनावों में पार्टियों और उम्मीदवारों से साथ खड़ा रह चुका है। इसलिए ये डेरा सबसे ज्यादा चर्चित और विवादित भी रहा है। पंजाब के मालवा रीजन की 35-40 सीटों पर इस डेरे की पकड़ है और ये इस बार के पंचकोणीय चुनाव में काफी बड़ा आंकड़ा है।
इसलिए राजनीतिक दल चाहकर भी इस डेरे को नजरंदाज नहीं कर सकते। ऐसे में राम रहीम को पंजाब में चुनाव से 13 दिन पहले जेल से छोड़ा गया है .जो कि पजांब चुनाव को प्रभावित करने की बडी वजह हो सकता है । ये पहली बार हो रहा है कि चुनाव पंच कोणीय है।
इसमें तीन मुख्य पार्टियां आप, अकाली और कांग्रेस। डेरे की पॉलिटिक्स पर इसका असर होगा। BJP का शहरी सीटों पर असर होगा। तीनों प्रमुख पार्टियां डेरों पर डोरे डालने की कोशिश कर रही हैं। चुनाव में मुकाबला ज्यादा होने से मार्जिन भी बहुत कम होने वाला है,
इसलिए डेरों की अहमियत ज्यादा बढ़ जाती है। इस चुनाव में डेरे खुले तौर पर किसी पार्टी को समर्थन का ऐलान नहीं करेंगे। 2007, 2012, 2017 में डेरों का खास असर देखने को मिला था। अब ये पार्टी की जगह उम्मीदवारों के आधार पर समर्थन देते हैं।