नई दिल्ली:श्रावण मास का सावन सोमवार व्रत भोलोनाथ की असीम कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए बेहद विशेष महत्व वाला माना जाता है। इस साल सावन की शुरुआत ही सोमवार से हुई थी और इसका समापन भी सोमवार के दिन ही होगा। इस बार श्रावण में 5 सावन सोमवार व्रत हैं, जिसकी वजह से भी सावन का महीना महत्वपूर्ण है। सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को था। अब दूसरा सावन सोमवार का व्रत कल रखा जाएगा। शिव पुराण के अनुसार, सावन का महीना शिव जी को सबसे प्रिय है। ऐसे में जो भक्त सावन में महादेव की पूजा करता है और सोमवार के दिन व्रत रखता है, उससे महादेव प्रसन्न होते हैं और उसे सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
सावन सोमवार पूजा विधि
सावन सोमवार के दिन सुबह उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहन लें।
इसके बाद मंदिर की सफाई कर गंगाजल के छिड़काव करें।
फिर शिवजी का दही, गंगाजल, दूध, घी और शक्कर आदि से रुद्राभिषेक करें।
इसके बाद उन्हें बेलपत्र, चंदन, अक्षत, फल आदि चीजें अर्पित करें।
फिर दीपक जलाकर आरती करें और शिव मंत्रों का जप करें।
इसके साथ ही शिव चालीसा का पाठ करना भी शुभ फलदायी होगा।
अंत में महादेव को सफेद मिठाई, हलवा, दही, पंचामृत, भांग का भोग लगाएं।
बाद में इस प्रसाद को सभा लोगों में वितरण करें।
सावन सोमवार पर क्या करना चाहिए?
सावन सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करें।
सावन महीने के दूसरे सोमवार पर स्नान-ध्यान के बाद, गंगाजल या कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें।
शिवजी की पूजा के दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
अगर श्रावण मास में पूरे महीने शिव पूजा न कर पाएं, तो सावन सोमवार पर भोलेनाथ का जलाभिषेक जरूर करें।
सावन सोमवार के दिन शिव मंत्रों का जाप करें और शिव चालीसा का पाठ करें।
अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और नवग्रह शांति के लिए सावन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक कराएं।