किसी भी व्यक्ति के खिलाफ यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है , सुप्रीम कोर्ट ने डीयू के एक प्रोफेसर के खिलाफ यौन के आरोप की एफआईआर रद्द करते हुए कहा यह महिला सशक्तिकरण को कमजोर कर देता
प्रोफेसर के खिलाफ आरोप उनकी पड़ोसी महिला ने लगया है, महिला की शिकायत पर दिल्ली पुलिस से धारा 354 ए 504 के तहत मुकदमा दर्ज किया है जस्टिस एस प्रसाद ने रद्द करते हुए कहा कि झूठे आरोप यौन जैसे गंभीर आरोपों को कमजोर कर देता है, साथ ही हर दूसरी पीड़िता द्वारा लगाए आरोपों को कमजोर कर देता है जो वास्तव में पीड़िता है,
डीयू के प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए महिला फरवरी में मुकदमा दर्ज कराया था
सुनवाई में बताया गया कि शिकायतकर्ता के बेटे के खिलाफ उसकी पत्नी की ओर से दाखिल शिकायत को वापस लेने के लिए दबाव बनाने के प्रयास में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया