भोपाल : मध्यप्रदेश में एक डेढ़ साल के बच्चे की चाय की एक घूंट पीने से मौत हो गई। मध्यप्रदेश में चाय पीने से एक 18 माह के बच्चे की मौत हो गई। एक मीडिया खबर के अनुसार, चाय पीते ही बच्चे की सांसें अचानक बंद हो गई। हॉस्पिटल ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद से चिकित्सा के क्षेत्र में ये बात उठने लगी की क्या चाय बच्चों के लिए हानिकारक है? इसके सेवन से इनके ऊपर क्या असर पड़ सकता है।
विशषज्ञों का कहना है कि चाय में पाया जाने वाला कैफिन मस्तिष्क को उत्तेजित करता है और शरीर में बेचैनी पैदा करता है. उन्होंने बच्चों को चाय संबंधित किसी भी प्रकार के उत्पाद देने से मना किया है उनका कहना है कि कम से कम 12 साल से कम उम्र के बच्चों को चाय नहीं देनी चाहिए।
बच्चों को चाय देने से क्यों परहेज करनी चाहिए
कैफीन से मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में खलल पड़ सकती है जिससे नींद का पैटर्न प्रभावित होगा।
लगातार कैफ़ीन का सेवन धीरे-धीरे आदत बन जाती है. जिसे बाद में छोड़ना काफी मुश्किल होता है।
कैफ़ीन यूरीन रिलीज करने में काफी मददगार साबित होती है जिसे Diuretic भी कहा जाता है। ज्यादा पेशाब करने से शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को चाय के बजाय उन्हें दूध में तुलसी, इलायची, दालचीनी, अदरक, और पिसे हुए मेवे मिलाकर दे सकते हैं। अगर बच्चे सदा दूध नहीं पी रहे हैं तो उसमें किशमिश या खजूर मिला दें।