डोडा : जम्मू-कश्मीर के डोडा में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक ऐसे शख्स की तलाश की जा रही है, जो एक पुलिस अधिकारी की एके-47 लेकर लापता हो गया है. जगह-जगह घेराबंदी की जा रही है और शख्स को ट्रेस किया जा रहा है. उसके परिचितों के बारे में भी जानकारी की जा रही है. पुलिस मामले में शामिल संभावित आतंकी पहलू की भी जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, शख्स का नाम मोहम्मद रफी है. ये पुलिस की ऑटोमैटिक राइफल के साथ डोडा के टाउन इलाके से गायब हुआ है. इस घटना के बाद पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. सुरक्षा का खतरा भी बढ़ गया है. यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी संबंधित घटनाएं देखी जा रही हैं और सेनाएं पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं. अधिकारियों का कहना है कि पुलिस ने उस शख्स का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है.
घटना डोडा की है. सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ पोस्ट चिराला से एसपीओ सफदर हुसैन वाहन (जेके 06ए 3268) से जा रहे थे. रास्ते में मोहम्मद रफी पुत्र स्वर्गीय मोहम्मद इकबाल मिल गया. उसने कार में लिफ्ट ली. मोहम्मद रफी डोडा जिले के ट्रॉन इलाके का रहने वाला है. सफदर का कहना था कि कार में वो सरकारी राइफल (एके-47) भी रखे थे. जब वो पुल डोडा के पास एक दुकान से पानी लेने के लिए उतरे तो उन्होंने अपनी राइफल कार में ही छोड़ दी. इसी दौरान मोहम्मद रफी कार समेत राइफल लेकर भाग गया. खोजबीन की गई तो कार भल्ला इलाके में जगोटा के पास मिली है. मोहम्मद रफी AK-47 समेत गायब है.
बताते चलें कि हाल के हमलों में शामिल आतंकवादियों की गतिविधियों के बारे में सुरक्षाकर्मियों से लेकर पुलिस तक जानकारी करने में जुटी है. जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में मंगलवार को सुरक्षाकर्मियों ने पूछताछ के लिए एक दंपति समेत तीन लोगों को उठाया था. उनसे पूछताछ की जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि तीन से चार आतंकवादियों का एक समूह डोडा जिले के ऊंचे इलाकों में मौजूद है. इन आतंकियों के मददगारों की जानकारी की जा रही है.
इससे पहले 11 जून की रात आतंकवादियों ने भद्रवाह-पठानकोट मार्ग पर चटरगल्ला के ऊपरी इलाके में स्थित एक संयुक्त जांच चौकी पर हमला कर दिया था. घटना में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान और एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) घायल हो गए थे. बुधवार शाम को भी तलाशी दल जब डोडा जिले के गंदोह क्षेत्र के कोटा टॉप गांव पहुंचा तो वहां आतंकवादियों ने गोलीबारी की. इसमें एक पुलिस अधिकारी समेत सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे.
सुरक्षाकर्मियों ने डोडा जिले के जय इलाके से जिन तीन लोगों को हिरासत में लिया है, उनसे पूछताछ की जा रही है. सूत्रों के अनुसार, इन संदेहियों पर आतंकवादियों को भोजन मुहैया कराने की आशंका है. इन तीनों में दंपति और एक किशोर शामिल हैं. तीनों लोगों से पूछताछ की जा रही है।
वहीं, सोमवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने जम्मू और उधमपुर इलाकों में सुरक्षा स्थिति और क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैयारियों की समीक्षा की थी. उन्होंने उत्तरी कमान में ऑपरेशनों में सेना और वायु सेना के प्रयासों की सराहना की थी. रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की थी. इस हाईलेवल बैठक के दूसरे दिन सीडीएस चौहान ने जम्मू का दौरा किया था. जनरल चौहान नगरोटा में 16 कोर मुख्यालय और बाद में उधमपुर में उत्तरी कमान पहुंचे थे. उन्हें उत्तरी सेना कमांडर और जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) सहित सेना के शीर्ष कमांडरों ने जानकारी दी.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात की समीक्षा की थी. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य अधिकारी शामिल हुए थे. अफसरों ने गृह मंत्री अमित शाह से भी बात की और सुरक्षा बलों की तैनाती और आतंकवाद विरोधी अभियानों पर चर्चा की थी. पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बात की थी और केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति के बारे में जानकारी ली थी. बैठक में प्रधानमंत्री को सुरक्षा संबंधी स्थिति की पूरी जानकारी दी गई और आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन से भी अवगत कराया था.
पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर के रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में चार जगहों पर आतंकवादियों ने हमला किया. जांच के सिलसिले में 50 लोगों को हिरासत में लिया गया. एक सीआरपीएफ और दो आतंकवादियों समेत 10 लोग मारे गए और 50 अन्य घायल हो गए. कठुआ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारे गए थे. उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ था.
हाल ही में आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों से भरी बस पर उस समय गोलीबारी की थी, जब वो शिव खोरी मंदिर से कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने जा रहे थे. इस बस में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली समेत अन्य जगहों के 53 तीर्थयात्री सवार थे. गोलीबारी में ड्राइवर का संतुलन बिगड़ा और बस गहरी खाई में गिर गई थी. जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी और 41 अन्य घायल हो गए थे.