हर दिन के मिलेंगे 5000 रुपये, ऐसा कहकर ठग लिए 1 करोड़, अच्छे-अच्छों को शिकार बना रहे हैं ऑनलाइन जालसाज

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नई दिल्ली. देश में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और नई-नई तकनीक के आने से जहां लोगों की जिंदगी आसान हुई है. वहीं, साइबर अपराधियों के लिए भी टेक्नोलॉजी हथियार साबित हुई है. आए दिन ये बदमाश लोगों को ठगने और उनके साथ धोखाधड़ी करने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते हैं. हैरानी की बात है कि पर्याप्त जागरूकता के बावजूद ये अपराधी आम आदमी को अपना शिकार बना लेते हैं.

बेंगलुरु और मुंबई में ऑनलाइन ठगी के 2 मामले सामने आए हैं, जिसमें फिल्म रिव्यू को लाइक करने और घर खोजने के चक्कर में 2 युवाओं को लाखों नहीं 1 करोड़ का चूना लग गया. मुंबई के रहने वाले एक शख्स से साइबर अपराधियों ने कथित तौर पर 1.3 करोड़ रुपये ठग लिए.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मुंबई में साइबर फ्रॉड ने पीड़ित व्यक्ति को YouTube वीडियो देखने और उन्हें लाइक करने के लिए बड़े भुगतान की पेशकश की गई. इसके लिए जनवरी और मार्च के बीच उसे 25 विभिन्न बैंक खातों में पैसे जमा करने के लिए कहा गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति को एक वॉट्सऐप मैसेज मिला था जिसमें पार्ट टाइम जॉब ऑफर किया गया. उसे हर दिन 5,000 रुपये से 7,000 रुपये कमाने का लालच दिया गया.

मैसेज करने वाले साइबर क्रिमिनल ने पीड़ित व्यक्ति से कहा कि वह उसे YouTube वीडियो भेजेगा और उसका काम उन्हें लाइक करके दूसरे नंबर्स पर फॉरवर्ड करना है. इस काम की शुरुआत के लिए पीड़ित व्यक्ति से बतौर रजिस्ट्रेशन 5000 मांगे गए और फिर धीरे-धीरे करके 1 करोड़ तक की ठगी कर ली. वहीं, साइबर ठगी के दूसरे मामले में बेंगलुरु में नए घर की तलाश कर रहे टेक एक्सपर्ट ने साइबर अपराधियों के चंगुल में आकर 1.6 लाख रुपये खो दिए.

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि वह बेंगलुरु में सेटल होने की प्लानिंग के लिए किराए पर ऑनलाइन घर देख रहा था. इस दौरान रियल एस्टेट पोर्टल NoBroker पर मराठाहल्ली में एक फ्लैट को लेकर उसे अच्छी डील मिली, जिसका मंथली रेंट 25,000 रुपये था. इसके लिए पीड़ित ने कॉन्टेक्ट नंबर पर कॉल किया और सामने वाले व्यक्ति ने खुद को मुंबई में तैनात एक भारतीय सेना अधिकारी बताया.

“इस सेना के अधिकारी ने मुझे किसी ऐसे व्यक्ति से कनेक्ट किया जिसे बेंगलुरु फ्लैट मैनेजर बताया गया. दोनों ने मुझे डील को पक्का करने के लिए 4,000 रुपये जमा करने के लिए कहा, जो मैंने Google Pay के माध्यम से कर दिए. उन्होंने दावा किया कि चूंकि यह सरकारी संपत्ति है इसलिए एक रकम सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर जमा करानी होगी, जो रिफंडेबल होगी. इस तरह ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए कुल 8 किश्तों के तौर पर पीड़ित व्यक्ति से साइबर क्रिमिनल ने 1.6 लाख रुपये ठग लिए.

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