कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाता है गोमेद रत्न, बढ़ाता है आत्मविश्वास

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नई दिल्ली : ज्योतिष का व्यक्ति के जीवन से गहरा संबंध है। ग्रह नक्षत्र की स्थितियां न सिर्फ हमें हमारे जीवन के संबंध में जानकारी देती है बल्कि अगर कोई परेशानी हो तो उसका समाधान भी ज्योतिष के जरिए किया जा सकता है।

ज्योतिष कहीं अलग-अलग शाखों में विभाजित है। जिसमें राशिफल के अलावा अंक शास्त्र, वास्तु शास्त्र, फेंगशुई और रत्न शास्त्र भी शामिल है। इन सारी विधाओं में गणना करने का तरीका भले ही अलग है। लेकिन सभी का आधार ग्रह नक्षत्र ही होते हैं।

रत्न शास्त्र एक ऐसी विद्या है जिसमें 9 रत्न और 84 उपरत्न का उल्लेख दिया गया है। इन सभी का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है। अक्सर रत्नों का इस्तेमाल जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। अगर आप भी अपने जीवन में किसी तरह की परेशानी का सामना कर रहे हैं तो ज्योतिष की सलाह के बाद उपयुक्त रत्न पहन सकते हैं।

गोमेद एक ऐसा रत्न है जिसका संबंध राहु ग्रह से है। यह कई अलग-अलग रंगों में मिलता है लेकिन अगर असली रत्न की बात करें तो यह मटमैला पीला होता है।

होंगे ये लाभ

अगर व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष चल रहा है तो गोमेद उसे दूर करने का काम करता है। गोमेद पहनने के बाद इस दोष का असर धीरे-धीरे खत्म होने लगता है।

राहु के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए भी इसे पहना जाता है लेकिन बिना ज्योतिष की सलाह के ना पहने।

जिन लोगों की कुंडली में राहु की महादशा चल रही है। उनके लिए गोमेद पहनने का सबसे सही समय यही होता है।

यह रत्न रुके हुए कार्यों में सफलता दिलाता है। अगर व्यक्ति बीमारियों का सामना कर रहा है या फिर कोई परेशानी है तो वह इसकी सहायता से दूर हो जाती है।

जो लोग शासन के कार्यों से जुड़े हैं या फिर राजनीति में है या दलाली से संबंधित व्यापार करते हैं, उनके लिए यह शुभ होता है।

गोमेद पहनने से जातक के मन का सारा डर खत्म हो जाता है। इसकी मदद से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।

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