शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को कहा कि नारेबाजी करने वाले विपक्ष ने सरकार में रहते हुए मुफ्त की रेवड़ियां बांटीं। पूर्व सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन को ठीक करने में समय लग रहा है। छह माह में और फैसले लिए जाएंगे। सुक्खू ने कहा कि पहली सितंबर से एक रुपये की विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली सब्सिडी सरकार ने बंद कर दी है। कुल 125 यूनिट तक निशुल्क बिजली अभी मिलती रहेगी। एक परिवार-एक बिजली मीटर योजना को भी सरकार ला रही है। इसके तहत एक परिवार के नाम पर एक ही बिजली मीटर लगेगा।
विधायक केवल सिंह पठानिया ने प्रश्नकाल में आयकरदाताओं की सब्सिडी बंद करने के फैसले को सराहा। उन्होंने कहा कि हजारों संस्थान खोलने, बिजली-पानी मुफ्त देने के बाद भी प्रदेश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नहीं जिताया। बिना बजट प्रावधान की योजनाओं को जनता भी पसंद नहीं करती है। उन्होंने पूछा कि बिजली सब्सिडी बंद करने से सरकार को कितना लाभ होगा। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि नवंबर 2022 में विधानसभा चुनाव थे। भाजपा सरकार ने अप्रैल 2022 में निशुल्क बिजली देने की घोषणा की। पानी के बिल भी छह माह पहले माफ कर दिए।
सुक्खू ने कहा कि 11 दिसंबर 2022 को जनता ने भाजपा को जवाब दिया कि मुफ्त नहीं, गुणवत्ता चाहिए। पूर्व सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के चलते ही कांग्रेस सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और खाद्य के क्षेत्र में गुणवत्ता नहीं दे पा रही है। वर्तमान सरकार ने जब पाया कि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना है तो पाया कि इसके लिए सभी वर्गों का साथ चाहिए। जब उपदानों का आकलन किया तो 14 प्रकार के उपदान दिए जाते हैं। हम चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। बिजली बोर्ड को भी आत्मनिर्भर बनाना है।
उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड को 2200 करोड़ रुपये का उपदान देना है। अभी उद्योगों की बिजली सब्सिडी बंद नहीं की गई है। सरकार ने नियम 130 पर चर्चा दी है, वह चाहते हैं कि इस पर चर्चा लाई जाए। अगर सरकार सरकारी कर्मचारियों को ओपीएस देती हैं तो सोच-समझकर दी है। 1500 रुपये महिलाओं को भी सोच-समझकर दिए हैं। इन्होंने तो सब कुछ मुफ्त कर रेवडियां बांट दी। उन्होंने कहा कि आज स्थिति उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली हो गई है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार आ रहा है। आगामी बजट में जनता को सुधार दिखेगा।