श्रीनगर | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि कुछ मतभेदों के बावजूद विपक्षी खेमा ‘आरएसएस और भाजपा की नफरत की राजनीति’ के खिलाफ एकजुट है। यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “विपक्ष को संसद में मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं है और मीडिया उन मुद्दों को जगह नहीं दे रहा है।”
अपने अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “भारत जोड़ो यात्रा दक्षिण से उत्तर की ओर थी, लेकिन इसका राष्ट्रीय प्रभाव था। यात्रा को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है और इसने भाजपा-आरएसएस की नफरत और नफरत की कहानी को एक वैकल्पिक ²ष्टि दी है। अहंकार, और इसका भारतीय राजनीति पर प्रभाव पड़ेगा।”
उन्होंने कहा, “भारत जोड़ो यात्रा मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव था।” जम्मू-कश्मीर में शांति होने के भाजपा के दावों पर सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, “राज्य में निशाना बनाकर हत्याएं हो रही हैं, बम विस्फोट हो रहे हैं, सुरक्षाकर्मी जो बात कर रहे हैं, उससे संकेत मिलता है कि हालात अच्छे नहीं हैं ..अगर सब ठीक है तो अमित शाह जम्मू से पैदल चलकर लाल चौक क्यों नहीं जाते।”
राहुल ने कहा कि राज्य में लोग दर्द में हैं और कांग्रेस का मानना है कि राज्य का दर्जा बहाल करना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पहला कदम है। कांग्रेस नेता ने कई साथी मार्चर्स के साथ पिछले साल 7 सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा शुरू की और 3,970 किलोमीटर की पैदल यात्रा पूरी करने के बाद रविवार को यहां लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।