नई दिल्ली: जहां संसद में आज यानी 24 जुलाई को मानसून सत्र का तीसरा दिन शुरु है। वहीं हंगामे के बीच सदन में प्रश्न काल शुरू हो चुका है। इसके बाद आज बजट पर चर्चा शुरू होगी। इस बजट पर चर्चा के लिए 20 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। बीते सोमवार को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया था।
संसद में सरकार की रनीति को लेकर फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की . ये बैठक संसद भवन में PM दफ्तर में हुई . लेकिन आज सदन शुरू होने से पहले ही I.N.D.I.A. के सांसदों ने बजट के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बोले- यह अन्याय है। हम विरोध करेंगे। बजट से 90% देश गायब है। खरगे ने यह भी कहा कि यह बजट सिर्फ अपने सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए है. उन्होंने तो किसी को भी कुछ नहीं दिया.
यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी दल बजट पर चर्चा में भाग लेंगे तो खरगे ने कहा, “हम प्रदर्शन करेंगे। फिर देखते हैं।” खरगे के आवास पर बीते मंगलवार शाम ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के सदन के नेताओं की बैठक में इस मुद्दे को लेकर संसद के बाहर और भीतर विरोध जताने का फैसला किया गया था।
इस बाबत सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हम चाहते हैं कि किसानों को MSP मिले और उनकी आय भी दोगुनी हो। लेकिन बजट में ऐसा देखने को मिल रहा है कि सरकार किसानों को समर्थन मूल्य देने के बजाय अलायंस की पार्टियों को दे रही है। पहले सरकार बेरोजगारी बढ़ाती है। उसके बाद वह आधी-अधूरी नौकरी लाते हैं, जिससे किसी युवा का कोई भी भविष्य नहीं बनने वाला है। मिडिल क्लास को अगर कुछ राहत भी मिली है तो सरकार उसे महंगाई से वापस ले रही है।
जानकारी दें कि बीते मंगलवार को निर्मला सीतारमण ने संसद में 1 घंटे 23 मिनट का बजट भाषण दिया था। मोदी सरकार के इस बजट में उनका फोकस शिक्षा, रोजगार, किसान, महिला और युवाओं पर रहा था। इसके अलावा बिहार और आंध्र प्रदेश पर केंद्र सरकार बहुत मेहरबान रही