अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर भड़का मुस्लिम देशों का संगठन OIC

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नई दिल्ली : सोमवार को अयोध्या में संपन्न हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर 57 मुस्लिम देशों के संगठन ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन’ (OIC) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. OIC ने बयान जारी करते हुए कहा है कि इस्लामिक स्थल (बाबरी मस्जिद) को ध्वस्त कर बनाई गई इस मंदिर की हम निंदा करते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में सोमवार को पूरे विधि-विधान से अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न हुई. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान थे. उन्होंने विधि-विधान से अनुष्ठान की सभी क्रियाएं पूरी कीं. राम लला की मूर्ति का अनावरण भी प्राण प्रतिष्ठा के दौरान किया गया. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रामलला की मूर्ति की आरती उतारी.

राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बाबरी मस्जिद विध्वंस की जगह पर राम मंदिर के उद्घाटन की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि उन्मादी भीड़ ने छह दिसंबर 1992 को सदियों पुरानी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था. ये निंदनीय है कि ना सिर्फ भारत की सबसे बड़ी अदालत ने इस घटना के जिम्मेदार लोगों को बरी कर दिया बल्कि उसी जगह पर राम मंदिर निर्माण की मंजूरी भी दी. वहीं, अब OIC ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है.

ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने अपने आधिकारिक बेवसाइट पर राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि हम इस्लामिक धर्म से ताल्लुक रखने वाले बाबरी मस्जिद को तोड़कर बनाई गई राम मंदिर की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि जिस जगह पर राम मंदिर का निर्माण किया गया है, उस जगह पर पिछले 500 सालों से बाबरी मस्जिद थी. इस पर OIC ने राम मंदिर के उद्घाटन पर गंभीर चिंता जाहिर की है.

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने भी बयानबाजी की थी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि बाबरी मस्जिद को तोड़कर, जिस जगह पर मंदिर बनाई गई है वो गलत है.

महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा के हवाले से इस्लामिक सहयोग संगठन ने कहा है, “ओआईसी के महासचिव ने भारत के अयोध्या में पहले से बनी बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर हाल ही में बनी राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. पिछले सत्रों के दौरान विदेश मंत्रियों की परिषद में लिए गए फैसले के अनुरूप ओआईसी जनरल सचिवालय इन कदमों की निंदा करता है. इसका लक्ष्य बाबरी मस्जिद जैसे इस्लामिक स्थलों को नष्ट करना है. बाबरी मस्जिद पिछले 500 सालों से उसी जगह पर खड़ी थी.”

चार महाद्वीपों के 57 देशों वाला यह संगठन करीब 2 अरब की आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. OIC संयुक्त राष्ट्र के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटर गवर्नमेंटल ग्रुप है. इसका हेडक्वार्टर सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में है. ओआईसी में गल्फ कंट्री सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा माना जाता है. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सद्भाव बनाते हुए मुसलमानों की सुरक्षा करना है.

यह संगठन खुद की पहचान मुस्लिम दुनिया की सामूहिक आवाज के तौर पर करता है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है लेकिन इसके बावजूद भारत ना तो OIC का सदस्य है और ना ही इसे पर्यवेक्षक का दर्जा मिला है. पाकिस्तान लगातार भारत को इस मंच से दूर रखने की कोशिश करता रहा है.

OIC में कई गैर-मुस्लिम देशों को भी पर्यवेक्षकों का दर्जा मिल चुका है. 2005 में रूस को संगठन में पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल कर लिया गया था जबकि यहां केवल 2.5 करोड़ की ही मुस्लिम आबादी है. बौद्धबहुल देश थाईलैंड को भी ये दर्जा 1998 में मिल चुका है.

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