नई दिल्ली: अश्लीलता और हिंसा परोसने वाले ओटीटी यानी ओवर द टॉप प्लेटफॉर्म पर केंद्र सरकार शिकंजा कसने जा रही है. सरकार इस संबंध में नया कानून लाने की भी तैयारी में है. आगामी सत्र में इस संबंध में विधेयक पेश किया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक करीब चार दर्जन ओटीटी प्लेटफॉर्म सरकार की जांच के रडार पर है. इनमें तीन को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. नियम का पालन नहीं करने वालों पर अभियोग चलाया जाएगा.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अश्लीलता परोसने वाले ओटीटी के खिलाफ आईटी नियम-2021 की धारा-67 और 67अ के तहत कदम उठाएगा. एक अधिकारी के मुताबिक हंटर्स, बेशरम और प्राइम प्ले ओटीटी प्लेटफार्म को अश्लील कंटेंट हटाने या फिर कार्रवाई का सामना करने का निर्देश दिया गया है. उन्हें इसके अनुपालन का जवाब भी निर्धारित समय में देना है.
ओटीटी प्लेटफार्म्स अगर ऐसे कंटेंट को नहीं हटाएंगे जो अश्लीलता की श्रेणी में आते हैं तो उनके खिलाफ आईटी नियम की धाराओं के तहत अभियोग चलाया जाएगा.कानून का पालन नहीं करने वालों को 10 लाख रुपये तक के जुर्माना और 10 साल की जेल का प्रावधान भी है. सरकार ओटीटी प्लेटफार्म के नियमन के लिए एक नया कानून भी ला रही है. यह कानून प्रसारण क्षेत्र के नियामक ढांचे को आधुनिक बनाएगा.
केंद्रीय मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक चार दर्जन से भी ज्यादा ओटीटी प्लेटफार्म हैं, जो अश्लीलता फैला रहे हैं. उनके खिलाफ संबंधित विभाग रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिन्हें पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. यह पहला मौका है जब ओटीटी प्लेटफार्म के खिलाफ अश्लीलता संबंधी कानून के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई करने की चेतावनी सरकार ने दी है.
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक तीनों प्लेटफार्म्स पर कई वेब-सीरीज को परखा गया और कंटेंट्स को प्रथम दृष्टया अश्लीलता के करीब पाया गया. याद रहे कि आईटी एक्ट की धारा 67 अश्लील कंटेंट को प्रकाशित या प्रकाशित करने और 67अ यौन कंटेंट को प्रकाशित या प्रसारित करने वालों के खिलाफ प्रयोग की जाती है.
मौजूदा समय 57 रिजस्टर्ड ओटीटी प्लेटफार्म्स हैं.जबकि बड़े पैमाने पर ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक पंजीकरण नहीं कराया है और दर्शकों के सामने अश्लीलता परोस रहे हैं. ऐसे प्लेटफार्म्स के खिलाफ लगातार शिकायतें सरकार को मिल रही हैं, जिनके आधार पर केंद्रीय मंत्रालय आगे कदम बढ़ा रहा है.