नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लीक से हटकर सोच एवं दीर्घकालीन दृष्टिकोण से पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। पोस्ट बजट वेबिनार में प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यटन स्थलों पर बहुभाषी साइनेज के अतिरिक्त ऐसे एप्स विकसित करने की भी वकालत की, जिनमें भारत की कई भाषाओं में खबर हो। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें कम से कम 50 डेस्टिनेशन डवलप करने होंगे, जो कि परतयेक टूरिस्ट की लिस्ट में सम्मिलित हों। जब ऐसा होगा, तभी विदेशी सैलानी भारत आने के बारे में सोचेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष का केंद्रीय बजट किस प्रकार पर्यटन क्षेत्र की सहायता करेगा एवं युवाओं के लिए कई आर्थिक अवसर पैदा करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह वेबिनार पर्यटन क्षेत्र के परिवर्तन के लिए है तथा जब सभी हितधारक एक साथ आते हैं, तो हम परिणाम एवं समय सीमा के अंदर लक्ष्य को पूरा कर लेते हैं।
एजेंसी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लीक से हटकर सोच और दीर्घकालिक दृष्टि पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जा सकती है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि धार्मिक स्थलों के कायाकल्प से पर्यटन को बढ़ावा प्राप्त हुआ है। बीते वर्ष 7 करोड़ लोगों ने काशी विश्वनाथ धाम की यात्रा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों द्वारा की गई विभिन्न यात्राओं का हवाला देते हुए कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि उच्च आय वर्ग के लिए पर्यटन एक फैंसी शब्द है, मगर भारत में इसका एक लंबा सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ है। वेबिनार के चलते पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत के दूर-दराज के गांव भी पर्यटन मानचित्र पर आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि यदि नागरिक सुविधाएं बढ़ाई जाएं, अच्छी डिजिटल कनेक्टिविटी हो, अच्छे होटल एवं चिकित्सालय हों एवं साफ-सफाई हो तो भारत का पर्यटन क्षेत्र कई गुना बढ़ सकता है। पीएम ने कहा कि विवाह स्थल अब एक बड़ा व्यवसाय है तथा भारत में इसकी बहुत बड़ी संभावना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कम से कम 50 पर्यटन स्थलों का विकास करना चाहिए जो पर्यटकों की सूची में तब नजर आएंगे जब वे भारत आने के बारे में सोचेंगे।