जम्मू: जम्मू एवं कश्मीर में पहाड़ी जनजाति एसटी फोरम ने पहाड़ी जनजाति को एसटी का दर्जा देने की मांग को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करने के लिए पुंछ और राजौरी के सीमावर्ती जिलों में ‘धन्यवाद यात्रा’ का आयोजन किया। बुढाल, कोटरंका, दरहाल, राजौरी, थाना मंडी, सरनकोट, मंडी, मेंढर, पुंछ और मंजाकोट में ‘अजहर-ए-त्राक्षतार’ रैली को भारी समर्थन मिला। यात्रा 10 नवंबर को बुढाल से शुरू हुई और मंजाकोट में समाप्त हुई। यात्रा को सफल बनाने में स्थानीय डीडीसी सदस्यों, बीडीसी अध्यक्षों, पंचायत सदस्यों, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रमुख भूमिका निभाई।
मेंढर में पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे आदिवासी घोड़ों पर सवार होकर यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के आयोजकों के अनुसार पहाड़ी जनजाति अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार की ऋणी रहेगी और इस ऋण को चुनाव के दौरान ब्याज सहित चुकाया जाएगा। आयोजकों के मुताबिक, नौशेरा, सुंदरबनी और कालाकोट में उत्सव रैलियों के बाद कश्मीर के कर्ण, उरी, तिंगदार, कुपवाड़ा, बारामूला और अन्य इलाकों में भी इसी तरह की रैलियां आयोजित की जाएंगी, ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके।
अगस्त 2021 के बाद लंबे समय से चली आ रही मांग को लेकर पहाड़ी जनजाति एसटी फोरम द्वारा गांवों से लेकर नई दिल्ली तक शुरू किए गए गतिशील संघर्ष की लोगों ने खूब सराहना की और इससे जुड़े हर सदस्य को सलाम किया।